कौतूहल का केन्द्र बना झुनकू पंचायत का नरेगा कार्य, उपयंत्री और सचिव अनभिज्ञ

200 मीटर लंबी नाली सह पुलिया निर्माण में मानको की अनदेखी का अंदेशा

NREGA work of Jhunku Panchayat becomes center of curiosity, Deputy Engineer and Secretary ignorant
NREGA work of Jhunku Panchayat becomes center of curiosity, Deputy Engineer and Secretary ignorant

विपिन शर्मा (देवरीकलाँ) देवरी विकासखण्ड मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत झुनकू द्वारा निर्मित की जा रही सीमेंट क्रांकीट नाली एवं पुलिया का निर्माण कार्य जन कौतूहल का केन्द्र बना हुआ है। निर्माण कार्य के विषय में विभाग द्वारा तैनात उपयंत्री को कोई जानकारी नही है। साथ ही ग्राम पंचायत सचिव भी मामले में अनमिज्ञता जाहिर कर रहे है। ऐसे में लगभग 25 लाख की लागत से चल रहे निर्माण कार्य को लेकर कई प्रकार की चर्चाये व्याप्त है।

मुख्यालय पर चल रहे इस निर्माण को लेकर स्थानीय जन इस कार्य में गुणवत्ताहीन सामग्री के प्रयोग एवं तय मानकों की अनदेखी का अंदेशा जाहिर कर रहे है। परंतु संबंधित जिम्मदारों की अनभिज्ञता ने मामले को और अधिक पेचीदा बना दिया है।

क्या है पूरा मामला
दर असल सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र देवरी परिसर एवं सिलारी के ओर जाने वाली प्रधानमंत्री सड़क के मध्य से होकर बहने वाले बरसाती नाले में पंचायत द्वारा नाली एवं पुलिया का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। निर्माण कार्य में प्रभात मेडीकल के सामने से पोस्टमार्टम हाऊस की ओर लगभग 200 मीटर में सीमेंट कांक्रीट नाली निर्माण प्रगतिरत है। साथ ही पोस्टमार्टम हाऊस के सामने पुलिया का निर्माण कराया जा रहा है। लगभग 5 मीटर चौड़ाई वाली नाली की ढलाई के कार्य में लगभग 3 फीट ऊँची दीवाले उठाई जा चुकी है। बिना किसी तकनीकी मार्गदर्शन में मजदूरों के भरोसे चल रहे इस निर्माण को लेकर स्थानीय वाशिंदो में कई प्रकार के संशय व्याप्त है। परंतु निर्माण के संबंध में कोई जानकारी ना मिलने के बाद उनके द्वारा पत्रकारों को जानकारी दी गई थी।

निर्माण था बेहद जरूरी पर गुणवत्ता पर सवाल
स्थानीय वाशिंदों की माने तो सरकारी अस्पताल परिसर से सटकर बहने वाला यह बरसाती नाला कचरा और गंदगी का सबब बन चुका था। जिसके चलते आवारा सुअर विचरण करते नजर आते थे और सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र की दृष्टि से उसे व्यवस्थित किया जाना आवश्यक था। साथ ही प्रधानमंत्री सड़क के किनारे स्थित गहरे नाले में वाहन चालकों को दुर्घटना की संभावना बनी रहती थी। नाले के कारण सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के पोस्टमार्टम हाऊस तक पहुँचना संभव नही था जिसके कारण स्थानीय वाशिंदे नाली एवं पुलिया निर्माण की मांग कर रहे थे। परंतु मौजूदा निर्माण कार्य में पारदर्शिता का आभाव एवं जिम्मेदारों की चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिये।

नरेगा से चल रहा कार्य जिम्मेदार बने अनभिज्ञ
निर्माण कार्य को लेकर स्थानीय पत्रकारों द्वारा पंचायत में तैनात उपयंत्री श्री जावरे से जानकारी चाही गई तो उन्होने निर्माण कार्य के स्टीमेट, लागत एवं कार्य विवरण के विषय में अनभिज्ञता व्यक्त कर दी। जबकि उक्त निर्माण कार्य उनके आवास के ठीक सामने मुख्य सड़क पर कराया जा रहा है। कार्य के संबंध में पंचायत सचिव द्वारा जानकारी होने से इंकार किया गया है। जबकि उक्त कार्य के संबंध में नरेगा पोर्टल पर निर्माण कार्य के मस्टरोल जारी किये जाने का विवरण फीड किया गया है।

निर्माण कार्य के अब तक 9 मस्टरोल जेनरेट किए गये है जिनका विवरण दर्शित नही है। सिर्फ विवरण में नाली निर्माण प्रभात मेडीकल के सामने से पोस्टमार्टम भवन की ओर दर्शाया गया है। मौजूदा निर्माण कार्य में स्टोन डस्ट का प्रयोग, लोहे थिकनेस एवं बंधाई का स्पान, हार्डकोट की थिकनेस सहित अन्य प्रश्नों के जबाब अभी तक प्राप्त नही हो सके है। शासन द्वारा नरेगा कार्य की प्रक्रिया पेपरलेस किये जाने के आदेश के बाद भी पारदर्शिता का आभाव कई सवालों को जन्म देता है। महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम 2005 मे ऐसे कार्यो में गड़बड़ी को लेकर सख्त प्रावधानों के बाद भी विभाग की उदासीनता सिस्टम को प्रश्नचिन्हत करती है।

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