वाकई किसी बेटी की मुस्कान से बढ़कर नहीं है साइकिल की कीमत

साईकिल चोरी से परेशान कालेज छात्रा मदद के लिए आगे आये प्राध्यापक

Really, the value of a bicycle is not greater than the smile of a daughter
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(बुन्देली बाबू) अपनी बेटियों की मुस्कान के लिए माता पिता तमाम जतन करते है, परंतु बात दूसरे की बेटियों की हो तो मामला और भी अधिक खास हो जाता है। सागर के एक कालेज प्राध्यापक ने साईकिल चोरी होने से परेशान अन्य कालेज छात्रा की मदद के लिए आगे आकर एक मिसाल पेश की है। उन्होने छात्रा को 5 हजार कीमत की नई साईकिल दिलाकर उसके चेहरे पर मुस्कान ला दी।

समाज में बदलाव की बयार के साथ बेटियों के प्रति सोच में भी परिवर्तन दिखाई देने लगा है। इस बदलते परिवेश के कारण ही ग्रामीण क्षेत्रों से बेटिया उच्च शिक्षा में नये मुकाम हासिल कर रही है। जिनकी मदद के लिए समाज का जागरूक वर्ग भी सामने आ रहा है। मौजूदा मामला गांव एक बेटी की मदद के लिए आगे आये एक जागरूक प्राध्यापक से जुड़ा है। दरअसल सागर के शासकीय कन्या महाविद्यालय में लड़ई बम्होरी पथरिया निवासी मोहनी लोधी बी.एस.सी. तृतीय वर्ष में अध्यनरत है। विगत सप्ताह श्रीराम नगर से किसी ने उसकी साइकिल चुरा ली जिसको लेकर वह काफी परेशान थी। क्योंकि उसी साईकिल के जरिये वह सागर में कॉलेज एवं अन्य जगह आना-जाना करती थी।

इस घटना की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉक्टर अमर कुमार जैन को लगी तो उन्होंने उसकी मदद करने की बात मन में ठान ली। उन्होने ग्रुप एडमिन से उसे लड़की का फोन नंबर लेकर बात की तो लड़की ने अपनी आप बीती से उन्हे अवगत कराया जिसके बाद उन्होंने उसे मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद उन्होने उसे बुलाकर 5 हजार कीमत की उसकी मन पसंद नई रेंजर साइकिल दिला दी।

इस संबंध में डॉक्टर जैन ने बताया कि साईकिल प्राप्त करने के बाद मोहनी के चेहरे पर जो खुशी देखी उसने साईकिल की कीमत का मूल्य शून्य कर दिया क्योंकि साईकिल का मूल्य बेटी की खुशी से बढ़कर नहीं है। उन्होने समाज के अन्य जागरूक व्यक्तियों से अपील की है कि ऐसे मामलों में जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना हमारा कर्तव्य है वह भी लोगो की मदद के लिए आगे आये। इस अवसर पर उनके साथ में डॉक्टर अरविंद जैन डॉक्टर सर्वेश उपाध्याय आनंद मंगल बोहरे उपस्थित रहें।

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