आचार्य गुरूवर विद्यासागर जी ब्रह्म में लीन, चन्द्रगिरी तीर्थ में ली समाधि

निर्यापक श्रमण मुनिश्री समय सागर को को आचार्य पद सौपने की घोषणा की

Acharya Guruvar Vidyasagar ji absorbed in Brahma, took samadhi in Chandragiri Teerth.
Acharya Guruvar Vidyasagar ji absorbed in Brahma, took samadhi in Chandragiri Teerth.

(बुन्देली बाबू डेस्क) इस युग के महान संत ज्ञान के अनंत सागर दिगम्बर जैन आचार्य गुरूवर श्री विद्यासागर जी आज रात्रि 2.30 बजे ब्रह्म में लीन हो गये। वह लंबे समय से अस्वस्थ थे जिसके बाद उन्होने 4 दिवस का उपवास घारण किया और समाधि में लीन होकर अनंत यात्रा पर निकल गये।

प्राप्त जानकारी के अनुसार आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज काफी लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे इसके बाद उन्होंने चार दिन का उपवास धारण कर लिया था और इसी दौरान आचार्य श्री ने 6 फरवरी मंगलवार को अपने साथ रह रहे मुनिराजो को खुद से अलग भेज दिया था एवम मुनि श्री योगसागर जी से चर्चा करके संघ संबंधी समस्त कार्यों से निवृत्ति ले ली थी। एवम उसी समय आचार्य पद का त्याग कर दिया था।

संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी ने आचार्य पद के लिए प्रथम मुनि शिस्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समय सागर जी को योग्य समझा और उसी समय उन्हें आचार्य पद दिया जाए ऐसी घोषणा कर दी । इसकी विधिवत जानकारी आज सार्वजनिक की जावेगी। परम पूज्य आचार्य श्री का डोला चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ मैं दोपहर 1 बजे निकल जाएगा । एवं एवं चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ में ही पंचतत्व में विलीन किया जावेगा। जैसे ही इसकी जानकारी छत्तीसगढ़ के राज्यपाल को लगी उन्होंने एक दिन का आज राज्य में छुट्टी घोषित कर दी है।

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