स्माल फाईनेंस बैंक के कर्मियों ने महिला समूहों से की 20 लाख की घोखाधड़ी, एफआईआर दर्ज

मामला फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक देवरी से जुड़ा, क्षेत्रीय प्रबंधक ने पुलिस थाने में शिकायत की

Employees of Small Finance Bank defrauded women's groups of Rs 20 lakh, FIR registered.
Employees of Small Finance Bank defrauded women's groups of Rs 20 lakh, FIR registered.

(देवरीकलां) देवरी के वायपास स्थित फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक शाखा के दो कर्मचारियों ने बैंक की ऋणदाता महिला समूहों द्वारा जमा कराये गये 20 लाख से अधिक रूपयों धोखाधड़ी की। मामले में मैनेजर की शिकायत पर जांच के उपरांत देवरी थाने में दोनो कर्मचारियों के विरूद्ध दो अलग अलग प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। इस मामले में विगत 6 माह पूर्व महिला समूह की सदस्यों द्वारा सामूहिक प्रदर्शन कर ज्ञापन भी सौपा गया था।

देवरी नगर के पुराना वायपास स्थित फिनकेयर स्माॅल फाइनेंस बैंक ग्रामीण महिला समूहों को लघु व्यवसाय के लिए ऋण उपलब्ध कराता है। बैंक में देवरी एवं केसली विकासखंडों के कई ग्रामों महिला समूह लेनदेन कर रहे है। विगत दिनों बैंक के 2 फील्ड अधिकारियों ने बैंक से ऋण लेने वाली लगभग 150 से अधिक महिलाओं की ऋण किस्त, ओडी, फोरक्लोजर सहित फर्जी ऋण प्रकरण तैयार करने एवं खाताधारकों के खातों से फर्जी तरीके से आहरण कर बैंक के 20 लाख रूपये से अधिक रूपये गबन कर लिये। धोखाधड़ी का मामला संज्ञान में आने के बाद क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा जांच के उपरांत दोनो कर्मचारियों के विरूद्ध देवरी थाने में शिकायत की गई जिसमें दोनो आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है।

क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर प्रकरण दर्ज
थाना से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले में फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक के क्षेत्रीय प्रबंध संजय दुबे द्वारा थाने में शिकायती आवेदन दिया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि बैंक विभिन्न महिला समूहों को लघु व्यवसाय के लिए ऋण देता है। ऋण की राशि महिला समूह द्वारा मासिक किस्त के रूप में बैंक को चुकाई जाती है। बैंक द्वारा डिप्टी ऑफिसर रूरल माइक्रो लोन के पद पर नियुक्त किये गये मनीष दुबे एवं मोनू सेन द्धारा बैंक के साथ धोखाधड़ी और विश्वासघात कर ऋणदाता समूहों द्वारा जमा कराई गई ऋण किस्तों की राशि, लोन फोर क्लोजर की राशि एवं ओडी की राशि बैंक में जमा न कर हड़प ली गई है। यह बैंक द्वारा की गई आंतरिक जांच में उजागर हुआ है।

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मोबाइल नंबर बदलकर फर्जी लोन बनाये खातों से पैसे निकाले
शिकायत में बताया गया कि आरोपियों द्वारा ऋणदाता महिलाओं एवं बैंक को अंधेरे में रखकर कई फर्जीबाड़ों को अंजाम दिया गया। क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत में बताया गया कि आरोपी मनीष दुबे ने नवम्बर 2021 से अगस्त 2023 तक बैंक के साथ धोखाधड़ी कर उसे हानि पहुँचाई गई। शिकायत में बताया गया कि आरोपी द्वारा 19 ग्राहको से खाता फोरक्लोजर करने के नाम पर नगद एवं फोन पे पर 3 लाख 32 हजार 768 रूपये जमा करके हड़प लिए गये। आरोपी ने बैंक एवं ग्राहकों को भनक लगे बिना ही 48 ग्राहकों को दोबारा फर्जी लोन जारी कर दिये।

इस कारगुजारी में उसने ऋण प्रकरणों में ग्राहक के मोबाइल की जगह स्वयं का एवं अन्य मोबाइल नंबर फीड कर फर्जीबाड़ा किया और एटीएम यूपीआई के माध्यम से 13 लाख 57 हजार 483 रूपये निकालकर हड़प लिये जिनकी जानकारी तक ग्राहकों को नही हुई। बैंक को मामले की भनक लगने के बाद आरोपी द्वारा बैंक के दबाब में लगभग 5 लाख 60 हजार रूपये वापिस जमा कराये गये है। परंतु फर्जीबाड़े के 103 ग्राहकों के 16 लाख 72 हजार 231 रूपये अब तक गायब है। वही बैंक के दूसरे कर्मचारी मोनू सेन द्वारा लगभग 50 ग्राहकों की ऋण की किस्तों की वसूली राशि, लोन फोरक्लोजर राशि, एडवांस इएमआई राशि, एवं आरडी किस्त की राशि के लगभग 2 लाख 73 हजार 660 रूपये हड़प लिये। शिकायत में बताया गया कि बैंक को गुमराह करने के लिए आरोपी द्वारा ग्राहकों से वसूली गई राशि का कुछ हिस्सा बैंक में जमा कराया जाता था। शेष राशि उसके द्वारा हड़प ली गई।

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महिलाओं ने किया था सामूहिक प्रदर्शन पर नही हुई कार्रवाई
बैंक कर्मचारियों द्वारा की गई धोखाधड़ी को लेकर विगत 29 अगस्त को देवरी एवं केसली विकासखंड के विभिन्न ग्रामों से आई कई दर्जन महिलाओं ने बैंक अधिकारियों के समक्ष नाराजगी जाहिर की थी। एवं देवरी पुलिस थाने में ज्ञापन सौपकर मामले की जांच एवं कार्रवाई की मांग की गई थी। महिलाओं द्वारा शिकायत में बताया गया था कि बैंक के कर्मचारियों द्वारा पीओएस मशीन पर फिंगर लगाकर उनके खातों से हेरफेर कर ऋण राशि निकाली गई है। कुछ महिलाओं ने बताया था कि उनकी ऋण किस्त राशि नगद प्राप्त कर बैंक कर्मी द्वारा कोई रसीद नही दी गई है न ही पैसा खाते में जमा कराया गया है। बैंक एवं प्रशासन द्वारा ग्रामीण महिलाओं की शिकायत के बाद भी मामला संज्ञान में नही लिया गया जिसके कारण फर्जीबाड़े का सच उजागर होने में 6 माह का वक्त लग गया।

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आरोपियों के खिलाफ धोखाड़ी का मामला पंजीबद्ध
क्षेत्रीय प्रबंधक संजय पिता कामता प्रसाद दुबे की शिकायत पर देवरी पुलिस ने जांच के उपरांत आरोपी मनीष पिता परषोत्तम दुबे निवासी टिकरिया थाना देवरी एवं मोनू पिता मुन्ना लाल सेन निवासी दहरिया चनौआ जिला सागर के विरूद्ध धारा 420, 409 भदवि के तहत अलग अलग प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है।

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