(देवरीकलाँ) विगत वर्ष 2022 में संपन्न हुए देवरी नगरपालिका परिषद के निर्वाचन में अध्यक्ष पद पर निर्वाचित श्रीमति नेहा अलकेश जैन के विरूद्ध अपर जिला न्यायालय देवरी में दायर याचिका पर विचारण के उपरांत न्यायालय द्वारा उसे सारहीन मानकर निरस्त कर दिया गया है। याचिका में उनके पार्षद एवं अध्यक्ष पद के हुए चुनाव को चुनौती दी गई थी।
वर्ष 2022 में अप्रत्यक्ष प्रणाली द्वारा संपन्न हुए नगरपालिका अध्यक्ष निवार्चन में श्रीमति नेहा अलकेश जैन को प्रतिद्वन्दी श्रीमति सरिता जैन के विरूद्ध 1 मत से निर्वाचित घोषित किया गया था। निर्वाचन में पराजित उम्मीदवार श्रीमति सरिता जैन एवं शहीद खान द्वारा माननीय अपर जिला न्यायालय देवरी में श्रीमति नेहा अलकेश जैन के पार्षद एवं अध्यक्ष पद पर निर्वाचन को प्रश्नगत करते हुए निर्वाचन याचिका क्रमांक 01/22 प्रस्तुत कर निर्वाचन को चुनौती दी गई थी। याचिका में एक से अधिक स्थानों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज होने एवं नगरीय निर्वाचन क्षेत्र में निवास न होने को आधार बनाते हुए नगरीय निर्वाचन में एक से अधिक स्थानों पर मतदान करने का आरोप लगाया गया था। याचिका में उक्त आधार पर वार्ड पार्षद एवं अध्यक्ष पद निर्वाचन को चुनौती देकर चुनाव निरस्त करने की मांग की गई थी।
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श्रीमति नेहा अलकेश जैन के अधिवक्ता एड.जगदीश सोनी ने बताया कि याचिका के विचारण के दौरान माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष के साक्ष्य अंकित कर तर्क श्रवण किए एवं निर्णय को सुरक्षित कर लिया था। माननीय अपर जिला न्यायधीश श्री महेश कुमार झॉ के न्यायालय द्वारा फैसला सुनाते हुए याचिकाकार की ओर से प्रस्तुत निर्वाचन याचिका को सारहीन मानकर निरस्त किया गया है।
माननीय न्यायलय द्वारा पारित निर्णय को लेकर प्रसन्न श्रीमति नेहा अलकेश जैन ने इसे असत्य पर सत्य की जीत बताया है। उन्होने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है परंतु पराजित नही है। मामले में उनके पति अलकेश जैन ने अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे धनतंत्र पर जनतंत्र की जीत करार दिया है। उन्होने कहा कि इस निर्णय से न्यायिक व्यवस्था में उनका विश्वास और भी गहरा हुआ है।
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