(बुन्देली बाबू) प्रदेश सरकार की समर्थन मूल्य खरीदी में अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार उस समय उजागर हो गया जब उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त को सहकारी समिति प्रबंधक से 1 लाख 15 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए उनके कार्यालय से गिरप्तार किया। सरकार के किसान हितेषी समर्थन मूल्य खरीदी कार्यक्रम में भ्रष्टाचार के मामले में यह पहला अवसर है जब विभाग के उच्च् अधिकारी रंगे हाथो गिरप्तार किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने शाजापुर के सहकारिता उपायुक्त आरसी जरिया को शाजापुर किला परिसर स्थित कार्यालय में एक लाख 15000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। इस कार्रवाई के बाद शाजापुर किला परिसर स्थित सहकारिता विभाग के कार्यालय में खासी अफरातफरी फैल गई थी।
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1 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मांगी रिश्वत
प्राप्त जानकारी के अनुसार सहकारिता उपायुक्त द्वारा गेंहु की सरकारी समर्थन मूल्य खरीदी कर रही समितियों से प्रति क्विंटल 1 रूपये के हिसाब से रिश्वत की मांग की गई थी। खरीदी कर रही समितियां लगभग 50 हजार क्विंटल खरीदी करती है इस हिसाब से 5 समितियों से 2 लाख 50 हजार रूपये की रिश्वत की मांग की गई थी।
मामले को लेकर समिति के प्रबंधक द्वारा लोकायुक्त इंदौर को शिकायत की गई थी जिसकी पुष्टि के उपरांत लोकायुक्त टीम द्वारा केमिकल लगे 1 लाख 15 हजार रूपये लेकर शिकायकर्ता को साहब के आफिस में भेजा गया था जिसके बाद रिश्वत की राशि लेने पर उन्हे गिरप्तार किया गया। जरिया ने रिश्वत की राशि 115000 लेकर अपने कार्यालय के टेबल की दराज में रख ली थी। लोकायुक्त टीम ने रिश्वत की राशि दराज से जब्त की।
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