(बुन्देली बाबू) लोकसभा चुनाव नामांकन जांच के दौरान कौशांबी कलेक्ट्रेट परिसर में पुलिस कर्मी द्वारा धक्के मारे जाने के कारण चर्चा में आये उत्तरप्रदेश के कौशांबी लोकसभा के निर्दलीय प्रत्याशी छेद्दू चमार का नामांकन रद्ध होने के बाद उनके द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद उनका फार्म रद्ध करवाये जाने का गंभीर आरोप लगाया गया हैं। वह छाती पीट पीटकर अपना नामांकन रद्ध होने के लिए साजिश किये जाने की बात कह रहे है।
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अब तक लड़े पंचायत से सांसद तक 13 चुनाव
छेद्दू चमार मूल रूप से सिराथू तहसील के तैबापुर शमशाबाद निवासी छेद्दू चमार घर-घर बर्तन बेचकर अपना गुजारा करते हैं। उन्हें चुनाव लड़ने का शौक है उनका मानना है कि जनता का दिल कभी तो पसीजेगा और वह सांसद या विधायक बन जाऐंगे। अपनी इस हसरत को लेकर वह अब तक दो बार लोकसभा दो बार विधानसभा सहित जिला पंचायत अध्यक्ष एवं पंचायत के कुल 13 चुनाव लड़ चुके है।
वर्ष 2000 में शमसाबाद क्षेत्र पंचायत से अपने सगे चाचा धर्मराज को 195 मतों से शिकस्त देकर क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) निर्वाचित हुए थे। पिछले 24 वर्षों के राजनीतिक सफर में वह वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे छेद्दू को 3,756 वोट मिले थे, जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 1,147 वोट हासिल हुए थे। इसी तरह वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में छेद्दू ने कौशाम्बी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें 3,340 वोट मिले थे, जबकि 2019 के चुनाव में 3,566 मत प्राप्त हुए थे।
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नगड़िया बजाकर करते है अपना प्रचार
छेद्दू चमार अपनी इस अनोखी ख्वाहिश और चुनाव प्रचार के अनोखे तरीके कारण पहले भी चर्चाओं का केन्द्र रहे है। वह नगड़िया बजाकर सड़कों पर चिल्ला -चिल्लाकर अपना चुनाव प्रचार करते है। और साथ ही अपने भरण पोषण के लिए साईकिल पर बर्तन की दूकान भी साथ लेकर चलते है। छेद्दू का कहना है कि चुनाव लड़ना उनका जुनून है। इसके लिए वह अपनी तमाम जरूरतों में कटौती करते हैं। मांस, मछली, गुटखा, खैनी, बीड़ी, सिगरेट का सेवन नहीं करते। रूखी-सूखी रोटी खाकर धन बचाते हैं ताकि चुनाव का खर्च निकल सके। छेद्दू क्षेत्र में साइकिल से घूम-घूम नगड़िया बजाकर अपना चुनाव प्रचार करते हैं।
उनके हाथ में एक बैनर होता है, जिस पर अपील लिखी रहती है कि उन्हें हर घर से बस एक वोट दे दिया जाए। वह आश्वस्त हैं कि अगर हर घर से एक वोट भी मिल गया तो वह चुनाव जीत जाएंगे। उनका कहना है कि कभी तो लोगों का दिल पसीजेगा। इस बार होने वाले लोकसभा की तैयारी में वह कई माह पहले से जुट गए हैं। छेद्दू स्व. शिव सागर सिंह को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं।
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डिप्टी सीएम केशव के सामने भी लड़ा चुनाव
वह पूर्व में उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के विरूद्ध भी चुनाव लड़ चुके है। विगत 2017 के चुनाव में छेद्दू ने डिप्टी सीएम केशव मौर्या के सामने भी चुनाव मैदान में थे। 2015 के पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष मधुपति को भी छेद्दू के सामने संघर्ष करना पड़ा था।
वायरल वीडियों के कारण आये चर्चाओं में
विगत शुक्रवार को कौशाम्बी संसदीय सीट से बृहस्पतिवार को नामांकन पर्चा दाखिल करने पहुंचे निर्दल प्रत्याशी छेद्दू को सीओ सिटी के गुस्से का शिकार होना पड़ा। लौटते समय उन्होंने नगड़िया बजानी शुरू की तो सीओ ने परिसर से बाहर कर दिया। इस दौरान पुलिस अधिकारी द्वारा उन्हे धक्का देने और धमकाने का वीडियों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ जिसके बाद वह पूरे देश में चर्चा में आ गये। अब लोकसभा नामांकन रद्ध होने के बाद वह दुखी है और सड़कों पर छाती पीटकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मौजूदा सांसद और भाजपा प्रत्याशी विनोद सोनकर को जिम्मेदार ठहरा रहे है।
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