महाराजपुर में हाईटेंशन विद्युत तार में टकराने से तेन्दुपत्ता से भरा ट्रक जलकर राख

तेन्दुपत्ता फड़ से हो रही थी ढुलाई, सड़क पर झूलते तारों के चलते हुई घटना

Truck full of tendu leaves burnt to ashes after hitting high tension electric wire in Maharajpur
Truck full of tendu leaves burnt to ashes after hitting high tension electric wire in Maharajpur

(देवरीकलाँ) देवरी विकासखण्ड के महाराजपुर कस्बे से सटे शांतिनगर इलाके में मुख्य सड़क पर रविवार दोपहर तेन्दुपत्ते से लदा ट्रक हाईटेंशन विद्युत तारों के संपर्क में आने के कारण जलकर राख हो गया। आवासीय इलाके में हुई इस घटना के दौरान ग्रामीणों ने सूझबूझ से ट्रक को सुनसान सड़क तक पहुँचाकर बड़ी घटना को टाल दिया। घटना में ट्रक जलकर राख हो गया चालक एवं क्लीनर ने बमुश्किल अपनी जान बचाई। घटना के बाद चालक फरार हो गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर में दक्षिण वन मंडल के देवरी परिक्षेत्र के तेन्दुपत्ता फड़ नंदे पिपरिया से आइशर ट्रक तेन्दुपत्ता भरकर महाराजपुर की ओर रवाना हुआ था। इसी दौरान चौसठ योगिनी से महाराजपुर मार्ग पर स्थित टंकी मुहल्ले में पहुँचने पर उक्त ट्रक में लदे तेन्दुपत्ता बोरे सड़क पर झूलती हाईटेंशन तारों के संपर्क में आ गये जिसके चलते उनमें आग लग गई। आवासीय इलाके में हुई इस घटना में देखते देखते ही आग ने प्रचण्ड रूप धारण कर लिया।

आसपास के घरों से आये ग्रामीणों ने पानी से आग बुझाने का प्रयास किया परंतु उनका प्रयास सफल नही हो सका जिसके बाद उन्होने ट्रक का रस्सा काटकर जलते बोरों को सड़क पर गिरा दिया और चालक की मदद से ट्रक को आवासीय इलाके से दूर सड़क पर खड़ा कर दिया। कुछ ही समय में 6 पहिया ट्रक जलकर राख हो गया। ट्रक में लगभग 96 मानक बोरा तेन्दुपत्ता लदा हुआ था जो वाहन पूरी तरह से जल गया। इस तेन्दुपत्ते की कीमत लगभग 96 हजार रूपये बताई गई है। आवासीय इलाके में हुई इस घटना के कारण बड़ी आगजनी की आशंका थी परंतु ग्रामीणों की सक्रियता के चलते बड़ी घटना टाल दी गई।

सड़क पर झूल रहे तारों से हुई दुर्घटना
महाराजपुर से पिपरिया सड़क का निर्माण लगभग 3 वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत कराया गया था। घटनास्थल पर सड़क क्रास कर हाईटेंशन विद्युत लाईन निकाली गई है, सड़क निर्माण में सड़क की ऊचाँाई बढ़ने के कारण उक्त हाईटेंशन लाईन के तार सड़क पर लंबे समय से दुर्घटना को आमंत्रण दे रहे है। मामले को लेकर सड़क निर्माण ठेकेदार एवं इंजीनियरों द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया गया न ही विद्युत विभाग द्वारा इतने लंबे समय में इस दुर्घटना संवेदी स्थान को चिन्हत कर सुधार कार्य कराया गया। रहवासी ग्रामीणों के अनुसार उनके द्वारा इस संबंध में कई बार विद्युत विभाग को अवगत कराया गया था परंतु विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नही की गई जिसके कारण उक्त दुर्घटना सामने आई है जिससे बड़ी आगजनी एवं जनहानि की संभावना निर्मित हुई।

सोते चौकीदारों को पत्थर से कुचलकर कर मारने वाले सीरियल किलर को उम्रकैद

फड़ बंद होने के बाद हो रही तेन्दुपत्ता की ढुलाई
दक्षिण वन मंडल सागर के देवरी परिक्षेत्र में तेन्दुपत्ता सीजन विगत 15 मई को खत्म हो चुका है। परिक्षेत्र अधिकारी देवरी के अनुसार उक्त फड़ के ठेकेदार द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार पत्ता उठाया जा रहा है। विगत 25 मई को तेन्दुपत्ता उठाव की टीपी जारी की गई थी ठेकेदार उसे परिवहन करके ले जा रहा था उसी दौरान दुर्घटना सामने आई उक्त संबंध में विभाग का कोई लेना देना नही है। तेन्दु पत्ता परिवहन की संपूर्ण जिम्मेदारी ठेकेदार की है।

टाइगर रिजर्व से सटे इलाके में चल रहे तेन्दुपत्ता फड़
आगजनी इस घटना के बाद अभ्यारण सीमा से सटे इलाकों में तेन्दुपत्ता फड़ों के संचालन एवं उसके संग्रह को लेकर कई सवाल उठाये जा रहे है। दर असल वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व सीमा से सटे इलाके में दक्षिण वन मंडल सागर द्वारा कई स्थानों पर तेन्दुपत्ता फड़ों का संचालन किया जाता है। वन विभाग द्वारा वन्य प्राणियों की सुरक्षा के दृष्टिगत टाइगर रिजर्व में तेन्दु पत्ते की तुड़ाई पर पूर्णतः प्रतिबंध है इसके बाद भी उसकी सीमाओं से सटकर सामान्य वनमंडल के तेन्दुपत्ता फड़ों का संचालन हैरत की बात है।

उल्लेखनीय है कि टाइगर रिजर्व से समीपस्थ ग्राम नंदे पिपरिया, खकरिया, पुरैना, तीतरपानी, सिंगपुर गंजन सहित अन्य स्थानों पर वनसमितियों द्वारा तेन्दुपत्ता संग्रह किये जाने की सूचना प्राप्त हुई है। परंतु उक्त ग्रामों के समीप स्थित सामान्य वन मंडल के वन क्षेत्रों में हरियाली सुकुड़ चुकी है। ऐसे में इन फड़ों पर हजारों मानक बोरा तेन्दुपत्ते का संग्रहण जांच का विषय है।

दरअसल ये पूरा मामला अभ्यारण क्षेत्र से चोरी छिपे तेन्दुपत्ते की तुड़ाई एवं सरकारी फड़ों पर उसके विक्रय से जुड़ा हुआ है, उक्त मामला विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में भी लाया जा चुका है इसके बाद भी प्रतिवर्ष तेन्दुपत्ता सीजन आरंभ होने से पूर्व उक्त फड़ों की ठेका नीलामी की जाती है, एवं तेन्दुपत्ता संग्रहित किया जाता है।

33 वर्ष पहले युवक की जघन्य हत्या के बाद एक आरोपी बना वैद्य दूसरे ने ओढ़ा बाबा का चोला

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*