(देवरीकलाँ) देवरी थाना अंतर्गत ग्राम सुना बीजागौर के निकट टाइगर रिजर्व के जगंल में नेगुवां भटरिया के समीप एक नर कंकाल ग्रामीणों की सूचना पर देवरी थाना पुलिस द्वारा बरामद किया गया है। घटना स्थल से बरामद महिला की साड़ी एवं अन्य कपड़ों के आधार पर उसकी शिनाख्त विगत 12 दिन पूर्व से लापता सुना निवासी महिला के रूप में की गई है। मृत्यु के कारण एवं महिला की शिनाख्त की गुत्थी अभी तक सुलझ नही सकी है। मामले एफएसएएल मोबाइल यूनिट एवं वन विभाग के अधिकारियों द्वारा भी घटना स्थल की पड़ताल की गई हैं। ग्रामीणों द्वारा वन्यप्राणि के हमले की आशंका जाहिर की गई है जिसके कोई साक्ष्य प्रथम दृष्टया सामने नही आये है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देवरी थाना के सुना ग्राम की निवासी श्रीमति सहोद्रा बाई पति लक्ष्मी सेन 72 वर्ष विगत 7 जून को अपने भाई के निधन होने के कारण ग्राम मानेगांव गई थी। रात्रि में पैदल लौटते समय वह गुम हो गई थी जिसके बाद से उनके परिजन उन्हे लगातार तलाश कर रहे थे। उक्त संबंध में परिजनों द्वारा विगत 8 जून को देवरी थाने में गुमइंसान की सूचना भी दर्ज कराई गई थी। उनकी तलाश को लेकर गंभीर परिजनों द्वारा उक्त संबंध में सूचना सोशल मीडिया एवं आसपास के ग्रामों में पंपलेट चस्पा कर भी की गई थी परंतु उन्हे सफलता प्राप्त नही हुई। परिजनों द्वारा महिला को गुरूवार सुबह ग्रामीण जब उन्हे तलाशने गये तो उन्होने नेगुवां ग्राम के समीप भटरिया पर महिला के पकड़े एवं नर कंकाल के टुकड़े बिखरे हुए पाये जिसकी सूचना उनके द्वारा पुलिस को दी गई थी। जिसके बाद पुलिस द्वारा एफएसएल टीम एवं वन विभाग के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया एवं घटनास्थल की छानबीन की गई। पीड़ित परिजनों द्वारा कपड़ों के आधार पर उक्त कंकाल महिला का होने की संभावना व्यक्त की गई है। परिजनों द्वारा वृद्धा को दिमागी रूप से कमजोर
भी बताया गया है।
मामले में पुलिस की सूचना पर आई एफएसएल की मोबाइल यूनिट द्वारा घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किये गये है, पुलिस द्वारा मामले में मर्ग कायम कर प्रकरण संज्ञान में लिया गया है।
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अभ्यारण सीमा में मिले थे कंकाल के टुकड़े
ग्रामीणों की सूचना के बाद पुलिस द्वारा मौका स्थल से नरकंकाल के अवशेष बरामद किये गये है, जो बड़े हिस्सों में फैले हुए थे। उक्त स्थान वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व सीमा में स्थित होना बताया गया है। घटनास्थल से महिला की साड़ी सहित अन्य वस्त्र एवं पायल बरामद की गई है, जिससे उक्त कंकाल के गुमशुदा महिला के होने की संभावना बढ़ गई है। परिजनों एवं ग्रामीणों को आशंका है कि रात्रि में भाई के घर से लौट रही महिला रास्ता भटक कर नेगुवां वाले जंगल के रास्ते की ओर चली गई थी और किसी जंगली जानवर का शिकार बन गई थी। परंतु टाइगर रिजर्व के परिक्षेत्र अधिकारी सहित टीम द्वारा मौका स्थल का निरीक्षण किया है जिसमें ऐसे कोई भी प्रमाण सामने नही आये हैं।
मौत के कारण अज्ञात, शिनाख्त के लिए होगी डीएनए जांच
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व की सीमा में मिले नर कंकाल की गुत्थी अभी पूरी तरह से सुलझी नही है। मामले में पुलिस द्वारा मृत्यु के कारण ज्ञात होने एवं नरकंकाल की शिनाख्त में समय लग सकता है। पुलिस थाने के प्रभारी उपनिरीक्षक निशांत भगत के मुताबिक नरकंकाल का पोस्टमार्टम कराया गया है जिसकी पोस्टमार्टम रिर्पोट आना शेष है जिसमें मृत्यु के कारण ज्ञात होने की संभावना है। वही शिनाख्त के लिए गुमशुदा महिला के परिजनों के साथ कंकाल का डीएनए टेस्ट मिलान कराया जाएगा जिससे मृतक की शिनाख्त की पुष्टि हो सके।
वन्यप्राणि के हमले की संभावना नही
घटना के संबंध में टाइगर रिजर्व के सिंगपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी जे.पी. शाक्या का कहना है कि सूचना मिलने के बाद घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था। उक्त स्थान से महिला के कंकाल के टुकड़े एवं कपड़े पाये गये थे। प्रथमदृष्टया किसी वन्यप्राणि के हमले के प्रमाण सामने नही आये है। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया है। एफएसएल रिर्पोट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
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