(बुन्देली बाबू) सागर जिले की रहली नगर पालिका द्वारा विगत दिवस खुले में मांस विक्रय कर रहे दूकानदारों के विरूद्ध कार्रवाई कर मांस एवं मुर्गे जब्त किये गये थे। नगरपालिका प्रशासन द्वारा जब्तशुदा मीट एवं जिंदा मुर्गे जेसीबी से गढ्ढा खोदकर दफन किये जाने के बाद बबाल मच गया और लोग इस कार्रवाई पर सवाल उठा रहे है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियों पर लोग कमेंट कर इस कार्रवाई को नियम विरूद्ध एवं गलत बता रहे है।
दरअसल प्रदेश सरकार द्वारा खुले में मांस, मछली, अंडे बेचने पर प्रतिबंध लगाया है। इसी के चलते रहली में नगर पालिका द्वारा अभियान चला रहा है जिसके तहत की गई अजीबोगरीब कार्रवाई को लेकर लोग नाराजगी जाहिर कर रहे है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक सागर जिले की केसली नगरपालिका द्वारा विगत दिवस नगर पालिका क्षेत्र में खुले में मांस, मछली बेचने वालों पर कार्रवाई की गई थी। जिसमें प्रशाासन द्वारा तीन किग्रा मछली, 2 किलो कटे हुए मुर्गे व 8 जिंदा मुर्गों को जब्त किया। जब्त सामग्री को नष्ट करते समय मुर्दा मुर्गों के साथ जिंदा मुर्गों को भी दफन कर दिया। प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई का वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने इस पर खुलकर प्रतिक्रिया दी और जमकर विरोध दर्ज कराया।ं
इसके बाद नगर पालिका के इस कृत्य की निंदा की जा रही है। लोगों द्वारा इसे अमानवीय कृत्य बताया जा रहा है। लोगों का कहना है, सावन मांस में जीव हिंसा से धार्मिक भावनायें आहत होती है, जिंदा मुर्गों को दफन नहीं किया जाना चाहिए था। उन्हें कहीं बाहर छोड़ा जा सकता था। इस प्रकार जीव की हत्या नहीं होनी चाहिए। वहीं नगर पालिका इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ रही है।
सीएमओ ने दी सफाई
मामले को लेकर मचे बबाल के बाद अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आये, मामले को लेकर नगरपालिका सीएमओ ने अजीबोगरीब तर्क दिया उनका कहना है कि मुर्गों में कोई बीमारी भी हो सकती थी, जिस कारण उन्हें दफन किया गया है। पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में इन्हें दफन किया है। फिलहाल लोगों के द्वारा इस कार्रवाई को अमानवीय बताते हुए लगातार इसकी निंदा की जा रही है।
मांसाहार पर सख्ती से कार्रवाई की मांग
नगर पालिका द्वारा 2 किग्रा कटे मुर्गों के साथ जिंदा मुर्गों का फोटो वायरल होने के बाद इस कार्रवाई का विरोध हो रहा है, लेकिन इसके साथ यह भी मांग की जा रही है कि सावन के महीने में मांसाहार का व्यापार बंद होना चाहिए। श्रावण भादों मास में नदी नाले तालाब में जलचर जीवों विशेष रूप से मछली का प्रजनन काल होता है। ऐसे में शासन की ओर से मछली मारना पूर्णत प्रतिबंधित होता है।
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