(बुंदेली डेस्क) मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री प्रभुराम चौधरी को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब भजन संध्या कार्यक्रम के दौरान उनके जूते चोरी हो गये। वाकये को लेकर अजीब संकट में फँसी पुलिस द्वारा उनके जूतों की तलाश करने का भरसक प्रयास किया परंतु उसे असफलता ही हाथ लगी जिसके बाद मंत्री जी पार्टी कार्यकर्ता के जूते पहनकर कार्यक्रम स्थल के रवाना हुए।
मामला सोशल मीडिया एवं मीडिया में वायरल होने के बाद लोग तरह तरह के कमेंट कर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर कमेंट कर रहे है।
पूरा वाकया उस समय हुआ जब प्रदेश सरकार के मंत्री प्रभुराम चौधरी के ग्वालियर में दिवंगत नेता पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की जयंती पर आयोजित भजन संध्या कार्यक्रम में शामिल होने गये थे।कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व उनके द्वारा जूते निर्धारित स्थल पर उतारे गये थे, कार्यक्रम के बाद जब वह लौटे तो उनके जूते गायब थे कोई भूल वश या जान बूझकर उनके जूते पहनकर चंपत हो गया था।
आखिर में जब काफी तलाशने के बाद जूते नहीं मिले तो एक कार्यकर्ता के जूते मंत्री जी ने पहने और वहां से रवाना हुए। यह घटना इंटरनेट मीडिया पर चर्चा का विषय बनी रही क्योंकि जहां पर भजन संध्या हो रही थी, वह क्षेत्र की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। यहां तक परिंदा पर पर न मार पाए। ऐसे में मंत्री के जूते चोरी होना आश्चार्य का विषय बनी हुई है।
VVIP सुरक्षा में चोरी की घटना चर्चा का विषय बनी
पूर्व मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया की जयंती पर शुक्रवार शाम को ग्वालियर स्थित सिंधिया की छत्री पर भजन संध्या का आयोजन किया गया था। जिसमें प्रदेश सरकार के तमाम दिग्गजों के शामिल होने के चलते व्हीव्हीआईपी सुरक्षा इंतजाम किये गये थे। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित सरकार के कई मंत्री भी शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री व सिंधिया समर्थक प्रभुराम चौधरी भी आए थे।
भजन संध्या के बाद जब मुख्यमंत्री चले गए तो सभी मंत्री भी जाने लगे। जब प्रभुराम चौधरी उस जगह पर पहुंचे जहां से उनके जूते उतारे थे। लेकिन उनके जूते उस जगह से गायब थे। जिसके बाद जूतों को लेकर चले सर्च अभियान में स्वयं मत्री उनका स्टाफ सहित लगभग 50 पुलिस अधिकारी और कर्मी जुटे रहे परंतु आधा घंटे की मशक्कत लेकिन स्टाफ भी जूते नहीं तलाश कर पाया। करीब आधा घंटे जूते ढंढ़ें गए, लेकिन नहीं मिले। आखिर में हार थक कर मंत्री जी को एक कार्यकर्ता ने अपने जूते दिए। जिन्हें पहनकर मंत्री जी मौके से रवाना हुए।
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