(देवरीकलाँ) विगत शनिवार विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर देवरी नगर के कौशल किशोर वार्ड में घरेलू विद्युत कनेक्शन के बकाया बिल की वसूली करने गये विभाग के अमले ने अमर्यादा की सारी हदे पार कर दी और एवं बुजुर्ग महिला को शर्मसार कर दिया।
मामला सोशल मीडिया और मीडिया में सार्वजनिक होने के बाद वाकये पर लोगो ने तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। उक्त मामले में जिला कलेक्टर सागर ने सख्त रूख के बाद विभाग द्वारा 2 लाईन परिचारकों को निलंबित किया गया एवं 2 आउट सोर्स कर्मचारियों की सेवा समाप्त किये जाने के निर्देश दिये गये है।
वही इसी मामले में देवरी थाना पुलिस द्वारा उक्त वीडियों को सार्वजनिक करने के मामले में विभाग के आउट सोर्स कर्मी के विरूद्ध आईटी एक्ट, भादवि एवं एससीएसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर हुई थी कार्रवाई
देवरी नगर के कौशल वार्ड में विगत शनिवार सुबह घरेलू विद्युत बिल की बकाया के ऐवज में कार्रवाई करने गये विद्युत कर्मियों द्वारा आपत्तिजनक व्यवहार सामने आया था।
कौशल किशोर वार्ड में एक बुजुर्ग महिला के मकान में लगे विद्युत कनेक्शन की बकाया राशि 19 हजार 473 होने के कारण विद्युत विभाग के कार्यापालन अभियंता रहली कार्यालय से विगत 10 मार्च को मीटर धारक के विरूद्ध आरआरसी नोटिस क्रमांक 15547/राजस्व/199 जारी किया गया था और 7 दिवस में बकाया भुगतान न करने पर विद्युत प्रदाय संहिता 2013 एवं विद्युत अधिनियम 2003 के तहत कार्रवाई की बात की गई थी।
उसके बाद विगत शनिवार सुबह विभाग की टीम कथित नियम विरूद्ध कुर्की की कार्रवाई करने पहुँच गई और जबरन उक्त मकान का घरेलू सामान जब्त करने लगी। इसके बाद आधे अधूरे कपड़ों में बदहवास बुर्जुग महिला का विडीयो सामने आया जिसमें वह घर के बाहर एवं सड़क पर कार्रवाई का विरोध कर अपना सामान न ले जाने के लिए कहती देखी गई थी।
महिला के विरोध के बाद विद्युत अमले द्वारा उक्त सामान वापिस किये जाने की भी बात सामने आई है। विभाग के अधिकारियों व्यवहार से महिला आहत है उसका कहना था कि जिंदगी यह पहली बार हुआ है कि वह अपनी मर्यादा का पालन नही कर सकी और ऐसी अवस्था में उसे सरेराह आना पड़ा है।
मामले को लेकर मुखर हुए विपक्षी और समाजसेवी
महिला को शर्मसार कर दिया। वाकये का वीडियो मीडिया और सोशल मीडया पर वायरल होने के बाद अब प्रशासन और विभाग बचाव की मुद्रा में है। विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता जहाँ इस मामले को लेकर हमलावर है वही शासन एवं प्रशासन मामले में सफाई दे रहा है। मामले में जिला कलेक्टर द्वारा सख्त रूख अपनाये जाने के बाद विभाग द्वारा 2 जमीनी कर्मचारियों एवं 2 आउट सोर्स कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है।
मामले में विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी वही देश भर के पत्रकारों एवं समाजसेवियों ने भी मामले की आलोचना की है। मामले में विभागीय मंत्री द्वारा वीडियों जारी कर इस प्रकार की कार्यवाही को अनुचित बताते हुए जांच के निर्देश दिये है।
इन पर हुई कार्रवाई
मामले में जिला कलेक्टर के निर्देश के बाद विभाग द्वारा अकुशल श्रमिक विवेक रजक एवं अर्धकुशल श्रमिक मनोज चढ़ार को सेवा से पृथक किया गया है वही देवरी ( ग्रामीण) में पदस्थ देवेंद्र मिश्रा लाइन परिचारक श्रेणी दो को राजस्व वसूली कार्य में बिजली उपभोक्ताओं से अशालीन व्यवहार करने, कर्त्तव्य में उदासीनता व लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनका मुख्यालय संभाग कार्यालय सागर कर दिया गया है ।
एक अन्य देवरी( शहर) में पदस्थ लाइन परिचारक श्रेणी दो शिवकुमार शर्मा को भी राजस्व वसूली के कार्य के दौरान सम्मानीय विद्युत उपभोक्ता से शालीनतापूर्वक व्यवहार न कर कर्तव्यपालन में उदासीनता/ लापरवाही बरतने के फलस्वरुप तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
वीडियो वायरल करने के मामले में 1 पर प्रकरण
पूरे घटनाक्रम में वीडियों वायरल होने के बाद उत्पन्न स्थितियों के चलते मामले में एक आरोपी के विरूद्ध देवरी थाने में विभिन्न धाराओं मे आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। देवरी थाना प्रभारी उपमा सिंह ने बताया कि प्रकरण में पीड़िता एवं उसके पुत्र के बयानों के आधार पर आरोपी विवेक रजक जो विभाग का आउट सोर्स कर्मी के विरूद्ध भादवि की धारा 509 एवं 354 सी एवं आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत कार्रवाई की गई है। साथ ही मामले में विधि संगत एससीएसटी एक्ट की धाराये बढ़ाई गई है।
विद्युत विभाग की कार्रवाई सवालों के दायरे में
पूरे मामले में मचे बबाल के बाद प्रशासन का सख्त रूख सामने आया है परंतु संबंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के रवैये एवं नियम विरूद्ध वसूली कार्रवाई को लेकर कई सवाल उठाये जा रहे है। विभाग के अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में लंबे समय से नियम विरूद्ध वसूली एवं कुर्की कार्रवाईयों को अंजाम दिया जा रहा है।
विद्युत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के अनुसार शासन द्वारा विभाग की बकाया वसूली के लिए पूर्व में विभाग के सहायक अभियंता को तहसीलदार अधिकार प्रदान किये गये थे परंतु विगत 2 वर्ष इन अधिकारों को विभाग के डिजीजनल अधिकारी तक सीमित किया गया था इसके बाद भी विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर कार्रवाई जारी है।
विभाग में प्रचलित मौजूदा नियमों के मुताबिक विभाग को मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 147 के तहत
चल संपत्ति कुर्क करने का अधिकार प्राप्त है। जिसके तहत घरेलू एवं कृषि पंप कनेक्शन के बकायादारों से वसूली के संबंध में विभाग द्वारा आरसीसी नोटिस जारी कर उसे बकाया भुगतान की सूचना देनी होती है, इसके पश्चात निर्धारित अवधि में राशि भुगतान न होने की दशा में अस्थाई रूप से कनेक्शन विच्छेद करने की कार्रवाई की जाती है एवं इसके बाद भी भुगतान न होने पर स्थाई रूप से कनेक्शन विच्छेद कर दिया जाता है।
इसके उपरांत कुर्की नोटिस दिया जाता है साथ ही नियत दिवस की मियाद पूरी होने पर राजस्व विभाग के समक्ष अधिकारी की उपस्थिति में कुर्की कार्रवाई की जाती है। जिसमें प्रार्थी से फार्म पर हस्ताक्षर कराये जाते है, सामग्री की सूची फार्म पर दर्ज की जाती है एवं गवाहों के समक्ष पंचनामा कार्रवाई कर संपत्ति कुर्क की जाती है।
परंतु इसके विपरीत विभाग के अधिकारी पूरे क्षेत्र में मनमाने तरीके से वसूली एवं कुर्की कार्रवाई कर रहे है, रवि सीजन में विद्युत बकाया की वसूली में लगाये गये अमले द्वारा देवरी विकासखण्ड के देवरी नगर एवं लगभग 2 दर्जन से अधिक ग्रामों में कुर्की कर वाहन, विद्युत मोटरे, पंप, फर्नीचर एवं घरेलू सामान की जब्ती की गई है। परंतु उक्त मामले में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं प्रशासन की चुप्पी रहस्यमय है।
मौजूदा मामले में आरसीसी नोटिस जारी होने के बाद ही विभाग के अमले द्वारा महिला की सामग्री जब्त किया जाना आश्चर्यजनक है। पूरे मामले में जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों पर कार्रवाई न होना भी चर्चाओं का विषय बना हुआ है विभागीय मंत्री द्वारा जांच के आदेश के बाद विभाग के जिम्मेदारों पर आंच आने की संभावना है।
इनका कहना है
मामले में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से एक वीडियों जारी किया जिसमें उन्होने बताया कि कि मेरे संज्ञान में आया है कि सागर जिले के कुछ कर्मचारियों ने महिला के घर से सामान उठाया है। मैं स्पष्ट करना चाहता हू हमारी सरकार इस तरीके की वसूली के पक्ष में नही है न ऐसे निर्देश है।
जिन कर्मचारियों ने यह त्रुटि की है उन चारों कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।प्रदेश में इस प्रकार का कृत्य कोई भी करेगा वो कितना भी बढ़ा अधिकारी हो कार्रवाई की जाएगी मैं इस पूरे प्रकरण की निंदा करता हूँ।
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