(देवरीकलाँ) देवरी के वर्तमान सीएम राईज स्कूल परिसर में विगत 51 वर्ष पूर्व आजादी की रजत जयंती के अवसर पर आजादी की लड़ाई के पुरोधा स्वंतत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित कीर्ति स्तंभ स्थापित किया गया था।
जिसे सीएम राईज स्कूल का निर्माण कर रही ठेका कंपनी द्वारा क्षतिग्रस्त किये जाने से लोगों में खासी नाराजगी है। मामले को लेकर सोशल मीडिया पर आ रही प्रतिक्रियाओं के बाद सामने आये प्रशासन ने मामले में पंचनामा कार्रवाई की है। वही मामले में आगे आये भाजपा नेता और पूर्व विधायक भानु राणा ने ठेका कंपनी के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है।
आज देश आजादी की 75 वीं वर्षगांठ का अमृत उत्सव मना रहा है, पूरे देश में अमृतकाल के बड़े बड़े आयोजन कराये जा रहे है परंतु इससे पृथक देवरी विकासखण्ड के निर्माणाधीन सीएम राईज स्कूल परिसर में स्थापित आजादी के नायकों के कीर्ति स्तंभ की उपेक्षा कर उसे उखाड़े जाने के दौरान घोर लापरवाही का मामला सामने आया है।
स्कूल निर्माण की ठेका कंपनी मेसर्स लक्ष्मी नारायण एण्ड कंपनी ने न सिर्फ उक्त स्तंभ को पृथक किये जाने के दौरान लापरवाही बरती जिससे उसका कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया बल्कि उसे मशीन से उखाड़कर उसी मैदान में एक तरफ जमीन पर खुले में छोड़ दिया जो तीन दिवसों तक उसी अवस्था में पड़ा रहा।
मामला सार्वजनिक होने के बाद जन सामान्य में खासी नाराजगी है वही प्रशासन द्वारा मामले में सिर्फ पंचनामा कार्रवाई केी गई है लोगों को मामले कार्रवाई का इंतजार है।
,
क्या है पूरा मामला
‘‘वतन में मरने वालों का यही बाकी निंशा होगा’’ इन लाईनों को चिरतार्थ करने वाले स्वतंत्रता संग्राम के सेनाानियों की यादगार कीर्ति स्तंभों को भारत सरकार द्वारा आजादी के रजत जयंती वर्ष में 1972 में स्थापित कराया गया था। इसी श्रंखला में देश में विभिन्न स्थानों पर स्थापित हुए इन कीर्ति स्तंभों में स्थानीय भारत माँ के उन सपूतों के नाम अंकित किये गये थे जिन्होने आजादी के आंदोलन में अविस्मरणीय योगदान दिया था।
संगमरमर पत्थर से निर्मित इस स्तंभों पर अशोक चक्र, राष्ट्रीय पक्षी मोर, सिंह के साथ भारतीय संविधान की प्रस्तावना संबंधी इबारत को भी उकेरा गया था। जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के संवैधानिक भावों को समाहित किया गया था।
देवरी क्षेत्र आजादी की लड़ाई का केन्द्र रहा इसलिए इस भूमि से देश की आजादी की लड़ाई में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित स्तंभ की स्थापना देवरी के छीर स्थित तत्कालीन हायर सेकेण्डरी स्कूल में की गई थी।
विगत 51 वर्षो से उक्त स्तंभ की साफ सफाई और रख रखाव सलीके से किया गया था और वह स्कूल में अध्ययनरत बच्चों और सामान्य जन में एक आकर्षण का केन्द्र रहा था। उसी स्तंभ के सामने खड़े होकर स्कूली बच्चों द्वारा नियमित प्रार्थना एवं राष्ट्रीय गान का गायन किया जाता था।
परंतु विगत रविवार को अवकाश के दौरान सीएम राइज स्कूल भवन का निर्माण कार्य कर रही ठेका कंपनी और संबंधित निर्माण विभाग म.प्र. भवन विकास निगम के निगरानीकर्ता अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से लापरवाही पूर्ण कार्य किया गया। घोर अनदेखी के कारण उक्त स्तंभ को जमीन से उखाड़े जाने के दौरान क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
जेसीबी मशीन से की गई इस मानमानी कार्रवाई के दौरान निर्माण कंपनी एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय धरोहर एवं प्रतीक चिन्हों की सतत उपेक्षा की गई एवं उन्हे कीर्ति स्तंभ को उखाड़े जाने के बाद उसे खुले मैदान में एक ओर जमीन लापरवाही पूर्वक छोड़ दिया गया। जिसे 3 दिन बाद जागरूक नागरिकों एवं स्कूली बच्चों द्वारा पुनः स्थापित कराया जा सका ।
लोगों की नाराजगी के बाद सक्रिय हुआ प्रशासन
अवकाश दिवस में हुए इस वाकये बाद कार्यालयीन दिवसों के दौरान धीरे धीरे स्कूली विद्यार्थियों और जन सामान्य को जब इस गंभीर लापरवाही की सूचना मिली तो कई नागरिकों द्वारा इस मामले को सोशल मीडिया पर उठाया गया। मामले में लोगों की नाराजगी से मामला गर्माने के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और घटना के 3 दिन बाद गुरूवार को संबंधित निर्माण विभाग म.प्र. भवन विकास निगम के सहायक महाप्रबंधक अन्य अधिकारी एवं राजस्व एवं पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुँच गये।
उक्त कीर्ति स्तंभ की बकायदा पंचनामा कार्रवाई की गई और उसे स्कूल के परिसर में अन्य स्थान पर स्थापित कराया गया है। इस दौरान पूर्व विधायक भानु राणा, नगरपालिका पार्षद एवं अन्य समाज सेवी भी ठेका कंपनी के इस कृत्य से खासे नाराज दिखे और मामले में कार्रवाई की मांग भी की गई। मामले को लेकर नागरिकों मे खासी नाराजगी है।
स्कूली प्राचार्य ने दी थी हिदायत परंतु ठेका कंपनी ने किया अनसुना
स्कूल परिसर में स्थापित आजादी के महानायकों के स्मृति चिन्ह कीर्ति स्तंभ को लेकर हायर सेकेण्डरी स्कूली की प्राचार्या द्वारा पूर्व में ही निर्माण कंपनी के कर्मचारियों को उसके सम्मान और महत्व के विषय में अवगत कराया गया था। प्राचार्या श्रीमति राय का कहना है कि उनके द्वारा ठेका कंपनी को बताया गया था परंतु इसके बाद भी निर्माण कंपनी के कर्मचारियों द्वारा अवकाश दिवस में ये कार्य किया गया है।
म.प्र. भवन विकास निगम के अधिकारियों ने पल्ला झाड़ा
मौके पर उपस्थित मिले म.प्र. भवन विकास निगम के सहायक प्रबंधक योगेश चौहान ने मामले से अनभिज्ञता व्यक्त की उनका कहना था कि वह औचक निरीक्षण कर आये है, निर्माण कार्य के दौरान विभागीय निगरानी के संबंध में उन्होने अजीबोगरीब तर्क दिया उनका कहना था कि वह विभाग में बयान देने के लिए अधिकृत नही है।
विभाग द्वारा निर्माण कार्य के लिए किस कन्सल्टेंसी की सेवाये ली गई है और निगरानीकर्ता अधिकारी कौन है इसकी जानकारी नही मिल सकी है। बरहाल पूरे मामले में लोग टकटकी लगाकर शासन और प्रशासन के रूख का इंतजार कर रहे है, आजादी के अमृत उत्सव के दौरान ऐसा वाकया पेश आना शासन और प्रशासन पर बड़ा सवालिया निशान है, आजादी की लड़ाई का यशोगान के बीच आजादी के महानायकों से ये बेरूखी हैरत में डालने वाली है।
शासन प्रशासन से कार्रवाई की मांग
मामले में मौके पर उपस्थित भाजपा के पूर्व विधायक डॉ. भानु राणा मामले में ठेका कंपनी और जिम्मेदारों पर कार्रवाई के पक्ष में दिखे वही कांग्रेस पार्षद इन्द्रदेव जाटव ने भी मामले को व्यवस्था के लिए खेदजनक और गंभीर बताकर कार्रवाई की मांग की है। परंतु समचार लिखे जाने के इस संबंध में किसी के द्वारा किसी प्रकार की शिकायत दर्ज नही कराई गई है।
Leave a Reply