(बुंदेली बाबू डेस्क) विगत बुधवार को उत्तरप्रदेश के महोबा जिले के अजनेर थाना क्षेत्र में एमपी यूपी बार्डर के समीप हाईवे के किनारे पुलिस को बेसुध अवस्था में मिली युवती ने होश में आने के बाद छतरपुर जिले के एक पुलिस जवान और उसके 8 परिजनों के विरूद्ध अपहरण, मारपीट सहित गैंगरेप के गंभीर आरोप लगाये है।
मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध संगीन धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है, आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। मामले में आरोपी कांस्टेबिल जांच के लिए पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा एसआईटी गठित की गई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पीड़ित 22 वर्षीय युवती उत्तरप्रदेश की निवासी है जो एक प्राइवेट जॉब करती थी, उसके द्वारा विगत 14 फरवरी को जिले के राजनगर थाने में पदस्थ पुलिस कांस्टेबिल संजय तिवारी के विरूद्ध रेप का प्रकरण दर्ज कराया गया था। इसके बाद महिला के मुताबिक वह 17 मार्च को मामले में पुलिस के बुलावे पर आई थी जिसके बाद केस वापिस लेने के लिए दबाब बनाने के लिए उसका अपहरण कर मारपीट की गई एवं दुराचार किया गया।
हाईवे के किनारे गंभीर अवस्था में मिली थी युवती
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 26 अप्रैल को महोबा जिले के अजनेर थाना पुलिस द्वारा युवती को गंभीर हालत में नौगांव अलीपुरा नेशनल हाईवे-39 के किनारे उत्तर प्रदेश की सीमा पर रखी एक गुमटी के पीछे बुधवार सुबह बेसुध पाया गया था। इस संबंध में छतरपुर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी का कहना है कि घटनास्थल महोबा जिला (उत्तर प्रदेश) होने के कारण महोबा पुलिस पहले युवती को उपचार के लिए नौगांव सिविल अस्पताल ले गई थी इसके बाद हालात गंभीर होने पर जिला अस्पताल छतरपुर लाया गया था।
युवती ने आरक्षक और उसके परिवार पर लगाये गंभीर आरोप
युवती के होश में आने के बाद महोबा और छतरपुर पुलिस द्वारा उसके बयान लिए गये थे। जिसमें उसने घटना छतरपुर की बताई थी। युवती ने बताया कि पुलिस कॉन्स्टेबल संजय तिवारी पर रेप का केस चल रहा है। केस होने के बाद से वो फरार था। एसपी ने उसे निलंबित कर दिया था। इसी केस की पेशी के लिए वह डेढ़ महीने पहले छतरपुर आई थी। तब आरोपी और उसके परिवार के लोगों ने उसे किडनैप कर अलग-अलग जगह रखा, पीटा और गैंगरेप किया। उधर, आरोपी परिवार की ओर से भी युवती को षड्यंत्रकारी बताते हुए ैच् से शिकायत की गई है। आरोपी कॉन्स्टेबल और उसका परिवार टीकमगढ़ के खरों गांव का रहने वाला है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले और उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के बॉर्डर पर बुधवार को 18 वर्षीय युवती अस्त-व्यस्त हालत में बेसुध मिली थी. महोबा पुलिस ने लड़की को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा था. गुरुवार को वह होश में आई. लड़की ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि उसके साथ गैंगरेप हुआ है. लड़की ने पुलिस आरक्षक और उसके परिवार के 9 सदस्यों पर अपहरण-गैंगरेप का आरोप लगाया है.
9 आरोपियों के विरूद्ध प्रकरण कास्टेबिल निलंबित
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि मामले में आरोपी बनाए गए कॉन्स्टेबल संजय तिवारी पर केस दर्ज हुआ है। कॉन्स्टेबल सहित 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है। कॉन्स्टेबल का नाम सामने आने पर उसको निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है, जिसमें महिला निरीक्षक, सिविल लाइन थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया है।
आरोपी पक्ष ने युवती पर लगाये षड़यंत्र रचने के आरोप
,मामला दर्ज होने होने के बाद आरोपी निलंबित कॉन्स्टेबल संजय तिवारी का परिवार छतरपुर पुलिस अधीक्षक के पास एक शिकायती आवेदन लेकर पहुंचा। कहा कि युवती षड्यंत्रकारी है। वह कई बार लोगों पर झूठे केस दर्ज करा चुकी है। संजय के रिश्तेदार दिलीप ने कहा कि रुपए ऐंठने के लिए उसने झूठा केस कराया है। 17 अप्रैल को वह संजय के पिता से रुपए की डिमांड करने उनके गांव खरों भी गई थी। तब उन्होंने थाने में शिकायत भी की थी। युवती ने हरदोई जिले में भी एक अन्य कॉन्स्टेबल सूरज प्रसाद पांडे पर रेप का केस कराया था। जांच में पुलिस ने इसे झूठा पाते हुए खात्मा लगा दिया था।
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