(बुन्देली बाबू डेस्क सागर) सागर जिले के केसली विकासखण्ड में सोमवार को आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह कार्यक्रम में ऐन आयोजन दिवस में 80 जोड़ों के रजिस्ट्रेशन रद्ध किये के बाद जमकर बबाल हुआ जिसके बाद क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव शादी के परिधानों में आये नवयुगलों एवं जनपद प्रतिनिधियों के साथ धरने पर बैठ गये। इस दौरान जिला प्रशासन एवं जनपद अधिकारियों के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की गई।
लगभग 2 घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के दौरान विधायक एवं प्रदर्शनकारी मामले के जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्रवाई एवं एवं विवाह रिजस्ट्रेशन के नाम पर पैसे लेने वाले कर्मचारियों हटाये जाने की मांग करते रहे। जिले के आला अधिकारियों एवं गणमान्य जन के मान मनौववल के बाद धरना खत्म हुआ एवं रद्ध किये गये जोड़ों का विवाह सम्मेलन से कराया गया। मामले में अधिकारियों द्वारा जांच एवं दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की बात कही जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की केसली जनपद पंचायत द्वारा सोमवार को सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें लगभग 320 जोड़ों द्वारा विवाह के लिए पंजीयन कराया गया था, परंतु जनपद द्वारा लगभग 80 जोड़ों के रजिस्ट्रेशन ऐन आयोजन दिवस को रद्ध किये जाने के बाद बबाल की स्थिति निर्मित हो गई। इस संबंध में जनपद अधिकारियों का कहना था कि केवाइसी समस्या के कारण उनके आवेदन रद्ध किये गये है।
मामले में उत्पन्न इस विषम परिस्थिति के दौरान आयोजन स्थल पर एक ओर जिला कलेक्टर जिला पंचायत सीईओं सहित भाजपा नेता मंच पर विवाह संपन्न कर रहे थे वही वैवाहिक परिधान में सजे नवयुगल अपने आवदेन रद्ध होने के कारण एक ओर खड़े इंतजार कर रहे थे।
इसी दौरान आयोजन स्थल पर पहुँचे क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव ने मामले आपत्ति दर्ज कराई एवं जनपद अध्यक्ष उपाध्यक्ष, जनपद सदस्यों सहित नवयुगलों के साथ आयोजन स्थल के बाहर धरने पर बैठ गये और जमकर नारेबाजी ही।
प्रदर्शन के दौरान हितग्राहियों ने अधिकारियों के समक्ष खुलकर जनपद कर्मचारियों द्वारा भृष्टाचार किये जाने के आरोप लगाये गये। हितग्राहियों ने अधिकारियों को बताया कि उनसे रजिस्ट्रेशन के लिए 15 सौ रूपये लिए गये थे इसके बाद भी फार्म रद्ध कर दिया गया। वही क्षेत्रीय विधायक एवं जनपद प्रतिनिधियों द्वारा मामले में सरकारी प्रोटोकाल के उल्घंन एवं निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों का अपमान किये जाने का आरोप लगाया गया।
उन्होने अधिकारियों से पूछा कि सरकारी कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र एवं बेनर में क्षेत्रीय विधायक और जनपद की महिला अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के नाम एवं चित्र क्यो नही है। सत्तारूढ़ दल के नेता किस हैसियत से सरकारी कार्यक्रम के मंच पर राजनीति कर रहे है। लगभग 2 घंटे तक चले प्रदर्शन के दौरान एक एक करके नेता और आला अधिकारी रूखसत हो गये बाद में जिला पंचायत सीईओं द्वारा क्षेत्रीय विधायक की जिला कलेक्टर से बात कराई गई एवं वंचित 80 जोड़ों को योजना का लाभ देने की घोषणा की गई जिसके बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ एवं वंचित जोड़ों के विवाह आयोजन स्थल से कराये गये।
घटनाक्रम के दौरान सम्मेलन की आयोजक जनपद पंचायत केसली के अधिकारी एवं कर्मचारी नदारद रहे। पूरे मामले लापरवाह कर्मचारियों के कारण शासन-प्रशासन की हुई किरकिरी को लेकर जमकर प्रतिक्रियाये सामने आ रही है।
राजनीति और भृष्टाचार की शिकार हुई कन्या विवाह योजना
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिराज सिंह चौहान को सारी दुनिया में शोहरत दिलाने वाली मुख्यमंत्री कन्या-निकाह विवाह योजना इन दिनों अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही और विवादास्पद कार्यप्रणाली के कारण विपक्ष के निशाने पर है। चुनावी वर्ष में प्रदेश भर में ऐसे दर्जनों मामले सामने आ चुके है जिनके कारण प्रदेश सरकार और प्रशासन को खासी फजीहत का सामना करना पड़ा है।
दरअसल शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश में आरंभ की गई जनकल्याणकारी योजनाओं में से मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना सबसे ज्यादा लोकप्रिय योजना है जिसे पूरी दुनिया में सराहा गया है। 1 अप्रेल 2006 में आरंभ की गई यह योजना प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर युवतियों, कल्याणी एवं परित्यागता महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई और इस योजना अंतर्गत हुए लाखों विवाह भी अपने आप में रिकार्ड है।
परंतु विगत कुछ समय से यह योजना प्रशासनिक जड़ता और सतत लापरवाही के कारण भृष्टाचार और राजनीति का शिकार बन गई है। इन सार्वजनिक आयोजनों में श्रेय लूटने को आतुर नेताओं का पूरा ध्यान सिर्फ खुद की राजनीति चमकाना होता है जिसके कारण योजना के पात्र लक्ष्यित समूह को सरकारी अमले के भृष्टाचार और लापरवाही का सामना करना पड़ता है।
मौजूदा मामला भी इसी लापरवाही का ताजा तरीन उदाहरण है जिसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा विवाह रजिस्ट्रेशन के नाम पर हितग्राहियों से 15 सौ रूपये रिश्वत लिए जाने के आरोप जिला अधिकारियों के सामने खुलकर लगाये गये। और प्रशासनिक अधिकारियों को खासी शर्मिन्दगी झेलनी पड़ी। मामले को लेकर दूरभाष पर विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु संपर्क नही हो सका है।
इनका कहना है
मामले में क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव का कहना है कि बेटियों के कल्याण की बात करने वाली भाजपा सरकार के नुमाइंदों ने जान बूझकर 80 गरीब बेटियों को आयोजन से बाहर कर दिया। जनपद पंचायत के कर्मचारियों द्वारा जन कल्याणकारी योजना में पैसे की मांग को लेकर रात्रि में 12 बजे केवाईसी की बाध्यता का बहाना बनाकर फार्म निरस्त किये गये। मामले में जिला प्रशासन संबंधित कर्मचारियों के विरूद्ध 3 दिवस में कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। सरकारी मंचो से महिला जनप्रतिनिधियों का अपमान भाजपा की संस्कृति बन गई है सरकारी प्रोटोकॉल का उल्घंन किया जा रहा है अधिकारी तमाशबीन है।
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