(बुन्देली बाबू डेस्क) मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बख्सवाहा थाना अंतर्गत चौरई गांव में विगत दिवस गांव के अनुसूचित जाति वर्ग के दूल्हे की बारात पर गांव के ही एक वर्ग द्वारा पथराव किया गया जिसके बाद पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। घटना उस समय हुई जब गांव में राछ निकाली जा रही थी इस पथराव में कुछ लोग घायल भी हुए मामले में पुलिस द्वारा बलवा, पथराव एवं एससीएसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
आजादी 70 वर्ष बाद आज भी भी देश के कई कोनों में जातिगत भेदभाव और सामंतवादी सोच यदा कदा सामाजिक ताने बाने को तार-तार करने की भरसक कोशिश में लगी रहती है, श्रेष्टता का दंभ, पूर्वाग्रह और वंचित समुदाय के प्रति कुंठित सोच अक्सर बदलते वंचित वर्ग की खुशियों में आग लगाकर व्यवस्था को प्रश्न चिन्हत करने का कार्य करती है। मौजूदा मामला मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र के छतरपुर जिले का है जहाँ एक गांव में फैले जातिगत वैमस्य ने मानवता की हदे पार कर एक वर्ग विशेष को हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया।
क्या है पूरा मामला
मामला विगत सोमवार की शाम का बताया जा रहा है जिले के चौरई गांव में अनुसूचित वर्ग के युवक की शादी समारोह में जमा हुए लोगों में उस समय अफरा तफरी का माहौल व्याप्त हो गया जब गांव के दबंगों ने पथराव आरंभ कर दिया।
दरअसल घटना के समय दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर गांव में बारात की राछ निकाली जा रही थी जो गांव के एक समुदाय को नगवार गुजरा और उसने पथराव आरंभ कर दिया जिसमें कई लोग घायल हो गये। घटना की जानकारी मिलने के बाद पहुँची बख्सवाहा एवं बड़ा मलहरा पुलिस फोर्स ने पुलिस अभिरक्षा में युवक की राछ निकलवाई इस दौरान भी पथराव जारी रहा और इस पत्थर बाजी में 3 पुलिस कर्मियों के घायल होने की भी खबर है।
मौके पर उपस्थित बड़ा मलहरा एसडीओपी शशांक जैन ने घटना के बाद डरे परिवार को हौसला दिया घटना के वायरल वीडियों में वह घोड़ी पर चढ़े दूल्हे और उसके परिजनों को कहते सुने गये कि पुलिस प्रशासन आपके साथ है आप जैसे रास निकालना चाहेंगे, जहाँ से चाहेंगे जैसे जाहेंगे दूल्हा जैसा बोलेगा हम आपकी राछ निकलवा देंगे उसको पूरी स्वतंत्रता है।
इसके बाद पुलिस की सुरक्षा में दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर राछ निकाली गई जिसके दौरान गांव के दबंगो द्वारा पथराव कर रोकने का प्रयास किया गया जिन्हें पुलिस द्वारा खदेड़ा गया। गांव में तैनात पुलिस बल द्वारा दूल्हें की बारात को सुरक्षा के साथ सागर जिले के शाहगढ़ कस्बे के लिए रवाना कराया गया। मामले में पुलिस द्वारा 20 नामजद एवं 30 अन्य व्यक्तियों के विरूद्ध बलवा, पथराव, एससीएसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। मामले में पुलिस द्वारा आरोपी बनाये गये पक्ष से संबंधित किसी प्रकार की प्रतिक्रिया अब तक सामने नही आई है कि आखिर उनके द्वारा ऐसा कदम क्यो उठाया गया।
घोड़ी चढ़ना गुजरता है नगवार, कई वारदाते सामने आई
इतिहास के हर पृष्ठ पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले बुंदेलखण्ड में कई कुप्रथाये आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यामान है जो अक्सर इसके गौरवशाली इतिहास को कलंकित करती है। क्षेत्र के कई ग्रामों में आज भी संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत समानांतर व्यवस्थाओं के संचालन का पुरजोर प्रयास किया जाता है जो अमूमन विवादों का रूप ले लेते है।
पूर्वाग्रहों और पुरा मान्यताओं से घिरे सामंतवादी सोच के कुछ व्यक्ति घोड़े की सवारी और घोड़ी चढ़ना अपना स्वयं का जन्म सिद्ध अधिकार समझते है। वो इसे अपने अतीत की व्यवस्था और सामाजिक वर्चस्व से जोड़कर देखते है जिसके कारण उन्हे वंचित अनुसूचित जाति वर्ग के व्यक्तियों का घोड़ी चढ़ना गवारा नही होता। इसी कारण अक्सर ऐसे विवाद जन्म लेते है। बुंदेलखण्ड के कई ऐसे ग्राम है जो अतीत में मालगुजारी या लम्बरदारी व्यवस्था का हिस्सा रहे है जिनमें आज भी गांव के दबंग व्यक्तियों के घर वंचित वर्ग को बराबरी से बैठने, जूते पहनकर सामने आने सहित खान-पान में बराबरी के अधिकार प्राप्त नही है।
क्या ऐसे बनेगा भारत हिन्दु राष्ट्र
बुंदेलखण्ड क्षेत्र के छतरपुर जिले में जातिगत भेदभाव और सामंतशाही मानसिकता के चलते हुई इस घटना ने एक बार फिर हिन्दु समुदाय में फैले वर्ण विभेद और वैमस्यता को रेखांकित किया है। इस घटना को लेकर इसी क्षेत्र आने वाले प्रसिद्ध संत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर बाबा के देश की हिन्दु राष्ट्र बनाने संबंधी बयानों पर सवाल उठाये जा रहे है।
दरअसल देश के कोने-कोने में पहुँचकर अपनी इस मुहिम में लाखों लोगो को जोड़ने में लगे बागेश्वर धाम के संत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री धार्मिक मंच एवं पत्रकारों से वार्ता में भारत को हिन्दु राष्ट्र बनाने के संकल्प को कई बार दोहरा चुके है जिसको लेकर उन्हे पूरे देश में भारी जन समर्थन भी मिल रहा है।
परंतु इससे पृथक वर्ण, जातियो और कुरियों में विभक्त हिन्दु घर्म में फैले भेदभाव और जातिगत वैमस्य को खत्म कर सभी को एक सूत्र में पिरोना अपने ही घर में एक बड़ी चुनौती है। समग्र हिन्दु समर्थ भारत का चिंतन एक बार फिर सवालों से धिरा है जिसे लेकर लोग सोशल मीडिया पर अपनी बात रख रहे है।
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