(बुन्देली बाबू डेस्क) टॉपर पोस्टर में स्कूल की हिन्दु छात्राओं को कथित हिजाब पहनाने के बाद चर्चाओं में आये दमोह का गंगा जमुना स्कूल पर कानून का शिकंजा कसता नजर आ रहा है, पुलिस द्वारा स्कूली छात्राओं के बयानों के बाद स्कूल की प्रबंध समिति के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया है।
इससे पूर्व शिक्षा विभाग द्वारा अपनी जांच में स्कूल में पाई गई बदइंतजामी एवं मान्यता गाइड लाईन के उल्घंन के चलते स्कूल की मान्यता रद्ध की जा चुकी है। धर्मान्तरण एवं इस्लामिक शिक्षा के आरोपों से घिरे स्कूल प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के निर्देशों के बाद पुलिस द्वारा यह बड़ी कार्रवाई की गई है।
मामले के संबंध में जानकारी देते हुए दमोह पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि जांच के दौरान कुछ बच्चियों के बयान पुलिस के सामने हुए है जिसके आधार पर गंगा जमना स्कूल की प्रबंध समिति पर आपराधिक मामला दर्ज हुआ है। एसपी के मुताबिक समिति पर धारा 295, 506 और ज्युबिनाइल जस्टीज एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
हालांकि एसपी ने ये नही बताया कि इस मुकदमे के दायरे में कितने लोग आएंगे, फिलहाल एसपी की माने तो अभी जांच चल रही है और उसके बाद आगे की कार्यवाही होगी। स्कूल प्रबंधन पर और भी कई गंभीर आरोप लगे हैं जिस पर बोलने से एसपी ने साफ इंकार कर दिया।
टेरर फंडिग की जांच में सहयोग करेगी एमपी पुलिस
गंगा जमुना स्कूल मामले पर बयान देते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सामान्य तौर पर ऐसा होता है कि जो टेरर फंडिंग के मामले होते है उसकी जांच राष्ट्रीय एजेंसियां करती हैं. गंगा जमुना स्कूल में इस तरह की गतिविधियों के लिए किसी राष्ट्रीय एजेंसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है. अगर कोई संपर्क करेगा तो एमपी की पुलिस सहयोग करेगी.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि धारा 295 ए, 506 बी औऱ किशोर अधिनियम में कार्रवाई की गई है. जांच अभी शुरुआती स्टेज पर है. जैसे-जैसे नाम सामने आएंगे कार्रवाई बढ़ती जाएगी. स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई हुई है. कौन शिक्षक थे जो इस कार्य के लिए प्रेरित करते थे या दबाव बनाते थे, इसकी भी जांच की जाएगी.
स्कूली बच्चों को मिलेगा अन्य स्कूलों में दाखिला
दमोह के गंगा जमुना स्कूल की मान्यता के निलंबन के बाद स्कूल में अध्ययनरत 1200 से अधिक बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। मीडिया रिर्पोटों में मामला उठाये जाने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा बच्चों को वैकल्पिक स्कूलों में दाखिला दिलाये जाने की बात सामने आई है।
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि 1200 बच्चों को वैकल्पिक स्कूलों में दाखिला कराएंगे. उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो, उन्होने गणवेश नीति बनाये जाने की बात भी कही। उन्होने कहा कि स्कूल में जिस तरह की गतिविधियां चल रही थी, इस पर गृह मंत्री और मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिये थे. स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में सारा विषय आ गया है. स्कूल प्रबंधन की तरफ से धार्मिक विद्वेष फैलाया जा रहा था. प्रशासन अनजान बना रहा.
Leave a Reply