सागर कलेक्टर ने किया निवारी बांध का निरीक्षण अन्य विभाग से करायेंगे निर्माण गुणवत्ता की जांच

कांग्रेस का आरोप पेटी वर्क और संलिप्तता से बांध निर्माण में 50 फीसदी भृष्टाचार किया गया

Sagar Collector inspected the Niwari Dam, will get the construction quality checked by other departments
Sagar Collector inspected the Niwari Dam, will get the construction quality checked by other departments

परशुराम साहू (सागर) सागर जिले के केसली विकासखण्ड में जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित कराये जा रहे निवारी जलाशय में रिसाव के बाद ग्रामीणों ग्रामीणों द्वारा बांध के क्षतिग्रस्त होने की आशंकाओं के चलते जिला कलेक्टर सागर ने अधिकारियों के साथ बांध निर्माण स्थल का निरीक्षण किया एवं ग्रामीणों को अश्वस्त किया उन्होने वर्षाकाल में बांध की नियमित निगरानी करने एवं अन्य विभाग द्वारा बांध के निमाण कार्य की जांच कराये जाने की बात कही है।

मामले को लेकर क्षेत्रीय विधायक हर्ष यादव विगत बुधवार को जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर मामले में बांध निर्माण में हुए भृष्टाचार की जांच कराये जाने एवं दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई थी। मामले में कांग्रेस का आरोप है कि निर्माण कार्य में 50 फीसदी भृष्टचार किया गया है जिससे गुणवत्ता संदिग्ध है।

क्या है पूरा मामला

निवारी बांध निर्माण कार्य विभाग द्वारा विगत 6 वर्षो से कराया जा रहा है, इस दौरान विभाग द्वारा ठेका कंपनी के.के. पटैल को कई बार एक्सटेंशन दिया गया है, इसके बाद भी बांध का निर्माण निर्धारित समय अवधि से दोगुने समय में भी पूर्ण नही कराया जा सका है।

इस वर्ष ठेका कंपनी की समय सीमा जुलाई माह में खत्म हो रही है जिसके चलते ठेका कंपनी द्वारा आनन फानन में बांध का पिचिंग कार्य पूर्ण होने के पूर्व ही नाला क्लोजर की कार्रवाई की गई जिसके बाद बांध में दोनो नालों का पानी भरने से बांध में जल रिसाव की स्थिति निर्मित हुई और बांध क्षतिग्रस्त होने की अटकले आरंभ हो गई।

बांध से पानी कम करने के लिए विभाग द्वारा स्लूज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण नहरे क्षतिग्रस्त हो गई और पानी किसानों के खेतों में भर गया जिसके बाद ग्रामीणों की नाराजगी सामने आई और मामले की शिकायत जिला कलेक्टर से की गई थी।

बांध के निर्माण में लापरवाही एवं भृष्टाचार के आरोप

मध्यप्रदेश शासन जल संसाधन विभाग द्वारा निवारी कलां बांध परियोजना का कार्य 3353 लाख लागत से कराया जा रहा है जिससे लगभग 1154 हेक्टेयर भूमि सिंचित होना प्रस्तावित है। इसमें बांध का निर्माण लागत लगभग 18 करोड़ रूपये बताई गई है।

बांध के निर्माण को लेकर आरंभ से ही कई बार भृष्टाचार के आरोप लगते रहे है, निर्माण कार्य में पेटी वर्क कराये जाने की बात भी कई बार सामने आई है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य के दौरान विभाग के अधिकारी और अमला अनुपस्थित बना रहता है, निर्माण कार्य से संबंधित कई शिकायते स्थानीय प्रशासन एवं 181 पर भी की गई थी।

वर्तमान में ठेका कंपनी द्वारा बांध में पिचिंग कार्य पूर्ण होने से पूर्व ही नाला क्लोजर कार्रवाई की गई है, पिचिंग में जो पत्थर लगाया गया है वह कच्चा और अनुपयुक्त है ठेका कंपनी द्वारा आसपास का पत्थर एकत्र कर स्थानीय मजदूरों से जमवाकर खाना पूर्ति की गई है, बांध के निर्माण में पटल भराई में मिट्टी के गोंदा के स्थान पर मशीन से मुरम एवं बोल्डर भरे गये है जिससे गुणवत्ता संदिग्ध है।

गुणवत्ता के आभाव में वर्षाकाल में बांध क्षतिग्रस्त होने की संभावना है। वही कांग्रेस का आरोप है कि बांध निर्माण में 50 फीसदी भृष्टाचार किया गया है।

अन्य विभाग से होगी कार्य की गुणवत्ता की जांच

ग्रामीणों की आंशकाओं के चलते शिकायत प्राप्त होने के बाद जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी एवं विभाग के अधिकारियों के साथ केसली विकासखण्ड के ग्राम निवारीकलां पहुँचकर बांध का निरीक्षण किया एवं जानकारी ली। इस अवसर पर उन्होने ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी शिकायत सुनी एवं उन्हे अशवस्त किया।

पत्रकारों से बात करते हुए जिला कलेक्टर सागर दीपक आर्य ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा बांध में सीपेज की शिकायत की गई थी जिसके कारण आज आकर देखा है। अभी प्रोटोकाल के अनुसार एक तिहाई भरा जा रहा है अभी कोई ऐसी समस्या नही दिखाई दी है।

Congress alleges 50 percent corruption in dam construction due to petty work and involvement

ग्रामीणों की अंदेशा के चलते सागर जिले के अन्य अधिकारी जो अन्य बड़े बांधों का निर्माण कर रहे है उनसे जांच कराई जायेगी कि कार्य मानको के अनुरूप गुणवत्ता पूर्ण कराया जा रहा है या नही। बांध में मिट्टी के कटाव के संबंध में जिला कलेक्टर ने बताया कि विभाग के ई द्वारा रिसाव को सामान्य बताया गया है इसी कारण अभी एक तिहाई भरा जा रहा है ग्रामीणों बांध पर नियमित निगरानी के आदेश दिये गये है।

इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह ठाकुर, जल संसाधन विभाग के ई अर्पित बिल्थरे, एसडीएम शैलेन्द्र सिंह एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इनका कहना है

बांध में ठेका कंपनी की गड़बड़ी एवं विभागीय अमले की लापरवाही के आरोपों के संबंध में विभाग के कार्यपालन यंत्री अर्पित बिल्थरे का कहना है कि बांध के डाउन स्ट्रीम में फिल्टर से पानी का रिसाव होता है, बांध को कोई खतरा नही है, बांध में लांगीटयूबनल क्रेक्स आते है कोइ खतरा नही है।

बांध को सिर्फ एक तिहाई भरा जा रहा है और पानी को नहरो के माध्यम से निकाला जा रहा है। बांध की पिचिंग में गुणवत्ताहीन पत्थरे के प्रयोग के संबंध में उनका कहना था कि पत्थर अच्छी गुणवत्ता का है।

ठेका कार्य पेटी वर्क पर दिये जाने के संबंध मे उन्होने जानकारी होने से इंकार किया एवं विभागीय कर्मियों की अनुपस्थिति के संबंध में उनका कहना था कि उनकी जानकारी के अनुसार विभागीय अमला तैनात रहता है।

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