(बुन्देली बाबू डेस्क) दमोह कोतवाली थाना क्षेत्र के बजरिया सात इलाके में विगत 2020 में हुए बहुचर्चित अजय मुड़ा हत्याकांड के मामले में न्यायालय ने 12 आरोपितों को दोष सिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं, एक आरोपी को बरी किया गया है। दमोह जिला न्यायालय की तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश महिमा कछवाह की अदालत ने यह सजा सुनाई है।
दमोह में राजनैतिक भूचाल लाने वाले इसे वीभत्स हत्याकांड में विगत 28 दिसंबर 2020 की रात में कोतवाली थाना अंतर्गत बजरिया सात चमड़ा फैक्टरी के पास मामूली बात पर आरोपियों एक राय होकर अजय मुड़ा और उसके भाई सुजीत मुड़ा पर चाकू एवं अन्य धारदार हथियारों से हमला किया था। हमले में अजय की मौत हो गई थी और उसका भाई अजय को बचाने में गंभीर रूप से घायल हुआ था।
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इस हत्याकांड के बाद आक्रोशित परिजनों ने शव को अस्पताल चौराहे पर लाकर काफी प्रदर्शन भी किया था। मामले में कोतवाली थाना पुलिस द्वारा 13 लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। साथ ही अतिक्रमण में बने आरोपियों के मकान भी गिराए गए थे।
मामले की जानकारी देते हुए शासकीय अभिभाषक सूरज ताम्रकार ने बताया कि पुलिस ने धारा 147, 146, 149, 294, 329, 302, 506 के तहत मामला पंजीबद्ध कर चालान न्यायालय में पेश किया था। प्रकरण की सुनवाई के दौरान न्यायालय द्वारा अभियोजन पक्ष के प्रस्तुत साक्षों और दस्तावेजों के आधार पर आरोपी निजाम, नसीम उर्फ पप्पू, ताहिर, कसीम, मटरू, शमीम, राजा बाबू उर्फ भईया, मुंतजिर,अनवर, कयूम, जसीम, रियाज को हत्या और अन्य धाराओं में दोषी पाते हुए न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा और जुर्माने से दंडित किया और एक आरोपी विजय को दोषमुक्त किया गया।
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