चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली पर सुप्रीम कोर्ट सख्त चीफ जस्टिस ने कहा यह लोकतंत्र की हत्या है

बैठको पर रोक चुनाव प्रक्रिया के समस्त रिकार्ड हाईकोर्ट को सौपे जाने के निर्देश

Supreme Court strict on Chandigarh Mayor election rigging, Chief Justice said this is murder of democracy.
Supreme Court strict on Chandigarh Mayor election rigging, Chief Justice said this is murder of democracy.

(बुन्देली बाबू) हाल ही में चंडीगढ़ में सपन्न हुआ संदेहास्पद मेयर चुनाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुँच गया है। मामले की सुनवाई करते हुए कोट ने कराने वाले रिटर्निंग ऑफिसर की आलोचना की और कहा कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को विकृत कर दिया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्‍होंने चुनाव अधिकारी की वीडियो देखते हुए कहा कि इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है?

चंडीगढ़ मेयर चुनावों में लग रहे गंभीर आरोपों के बीच पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह का चुनाव के दौरान का एक और साफ वीडियो सामने अया है। इस वीडियो में अनिल मसीह साफ तौर पर बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। उक्त वीडियों सुप्रीम कोर्ट में देखने के बाद चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ कोर्ट में बिफर पड़े। उन्होंने सॉलिसिटर जनरल की एक नहीं सुनते हुए साफ तौर पर कहा था कि अदालत लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देगी। चीफ जस्टिस पूछा था कि क्या इस तरीके से चुनाव कराए जाते हैं। नए वीडियो मसीह साफ तौर से बैलेट पेपर को विकृत करते दिख रहे हैं। वह अजीब तरीके से कैमरे की तरफ भी देखते हुए कैद हुए हैं। इसमें ऐसा लग रहा है कि वे कोई गलत काम कर रहे हैं और इस आशंका से भी डर रहे हैं कि कोई देख तो नहीं रहा है।

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चुनाव रिकार्ड हाईकोर्ट को सुपर्द किए जाने के निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के वीडियो को देखने के बाद पूछा कि क्या यह एक रिटर्निंग अधिकारी का व्यवहार है? वह कैमरे की ओर देखता है और जाहिर तौर पर मतपत्र को विकृत कर देता है। इस वीडियो में मसीह में जहां नीचे एक क्रॉस है, वह (रिटर्निंग ऑफिसर) इसे ट्रे में रखता है। जैसे ही शीर्ष पर एक क्रॉस होता है, आदमी मतपत्र को विरूपित करता है और कैमरे की ओर देखता है। चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि आप कहिए कि सुप्रीम कोर्ट उन पर नजर रख रहा है। हम इस तरह से लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने नगर निगम की 7 फरवरी को होने वाली बैठक पर भी रोक लगा दी है और सभी रेकॉर्ड को हाईकोर्ट को सुपर्द करने का आदेश दिया है।

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भाजपा को 14 आप को 12 मत मिले 8 हुए थे निरस्त
आप ने दावा किया कि अधिकारी अनिल मसीह को मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करते हुए कैमरे में पकड़े गए हैं। पार्टी ने मांग की गई कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए। पार्टी ने तर्क दिया कि रद्द किए गए आठ वोटों से वे चुनाव जीत सकते थे। आप की सहयोगी कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने मतपत्र फाड़ दिए और उनके एजेंट को उन्हें देखने नहीं दिया गया। 35 सदस्यीय निगम में भाजपा के 14, आप के 13 और उसकी सहयोगी कांग्रेस के सात पार्षद हैं। अदालत जाने से पहले आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर दिल्ली और चंडीगढ़ में मेगा विरोध प्रदर्शन भी किया था। आप ने मेयर चुनाव में हार के बार आरोप लगाया था कि बीजेपी ने जानबूझकर पार्टी के मेंबर को चुनाव का पीठासीन अधिकारी बनाया। चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर को विजयी घोषित किया गया था।

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