(बुन्देली बाबू डेस्क) झारखंड में विगत दिनो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरप्तारी के बाद उपजे राजनैतिक अस्थिरता के दौर के बाद झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के विश्वासमत हासिल करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होने नाम लिए बिना जांच ऐजेंसियों द्वारा विपक्ष के नेताओं को चुन-चुनकर टारगेट करने एवं देश में कानून के शासन के समक्ष चुनौती खड़ी करने का आरोप लगाया।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन की सरकार को एक बार पुनः विधानसभा में बहुमत प्राप्त होने की हार्दिक बधाई। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जिस तरह से लोकतंत्र पर हुए हमले का बयान विधानसभा में दिया, उस पर बहुत गौर करने की जरूरत है। पिछले कुछ वर्ष में हम लगातार देख रहे हैं कि झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में चुनी हुई सरकारों पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सत्ता पक्ष ने हमला किया। जांच एजेंसियां जिस तरह विपक्ष के नेताओं को चुन-चुन कर टारगेट कर रही हैं, वह बताता है कि देश में कानून के शासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी गई है।
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पूर्व सीएम ने कहा कि इन हमलों का मुकाबला सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की विचारधारा कर सकती है जो देश की बहुलतावादी संस्कृति और सर्वधर्म समभाव की भावना की वाहक है। कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर इस तानाशाही का मुकाबला कर रही है और मुझे पूरा भरोसा है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को जो जन समर्थन मिल रहा है, उससे आने वाले समय में भारत में एक बार फिर संवैधानिक मूल्यों का शासन होगा और तानाशाही को पराजित किया जाएगा।
भाजपा में जाने की अटकलों के बयान के मायने
विगत विधानसभा चुनाव में प्रदेश में हुई कांग्रेस की करारी पराजय के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रदेश में कांग्रेस के मुख्यमंत्री फेस कमलनाथ पार्टी संगठन में ही हाशिए पर नजर आ रहे है। पराजय के बाद पार्टी हाईकमान द्वारा प्रदेश अध्यक्ष पद पर युवा चेहरे जीतू पटवारी की अचानक ताजपोशी को भी कमलनाथ की पार्टी में घटती अहमियत से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी संगठन में सदा से ही उच्च पदों पर आसीन रहे कमलनाथ ने यू तो कई उतार चढ़ाव देखे है परंतु मौजूदा समय में पार्टी में ही उनका घटता रसूख हैरतअंगेज है।
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ऐसे में उनके पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने की अटकलों को बाजार गर्म है। ऐसी बातो को अफवाह बताकर पत्रकारों को अपनी सफाई दे चुके है मगर इसके बाद भी कई कयास लगाये जा रहे है। प्रदेश विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद उनकी राजनैतिक सक्रियता में भी कमी आई है जिसके चलते ऐसी अफवाहों को बल मिला है। परंतु लंबे समय बाद एक बार फिर उन्होने भाजपा सरकार पर निशाना साधकर आगामी चुनाव को लेकर अपने मंसूबे जाहिर कर दिये है।
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