हरदा हादसे में मुख्यमंत्री ने जनता का दिल जीता पर सामने आई प्रशासन की गंभीर चूक

नियम विरूद्ध रिहायसी इलाके में पटाखा फेक्ट्री का संचालन,अनफिट के बाद भी लाईसेंस बहाल

In Harda accident, the Chief Minister won the hearts of the public but serious lapses of the administration came to light.
In Harda accident, the Chief Minister won the hearts of the public but serious lapses of the administration came to light.

(बुन्देली बाबू डेस्क) प्रदेश के हरदा जिले में शनिवार सुबह हुए भीषण हादसे के बाद त्वरित राहत एवं बचाव कार्य को लेकर प्रदेश के मुखिया डाॅ. मोहन यादव की संजीदगी हर जुबान पर है। मामले में उनकी संवेदनशीलता एवं गंभीर रवैये को लेकर लोग उनकी खुलकर तारीफ कर रहे है। प्रदेश में यह पहला अवसर है जब ऐसे आपदा के क्षणों में एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्होने अपनी श्रेष्ट प्राथमिकताओं का चयन किया एवं बिना क्षण गवांये संपूर्ण धैर्य और तत्परता से राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी कर उचित उपचार व्यवस्थाये सुनिश्चत की। उनके इसी श्रम का परिणाम है कि हादसे के घायलों को समय रहते सही उपचार मिल सका और हादसे के बाद के खेदजनक परिणामों को टाला जा सका।

परंतु हादसे के बाद परत दर पर हो रहे नये-नये खुलासों ने प्रशासनिक चूक को उजागर कई लापरवाह अधिकारियों को बेनकाब किया है। रिहासयी इलाके में विगत 20 वर्षो से संचालित इस विशाल फेक्ट्री को लेकर अधिकारियों की मंशा और कर्तव्य परायणता सवालों के दायरे में है।

विस्फोट में 11 जाने गई घायलों का आंकड़ा 200 पार
हरदा में मगरधा रोड पर बैरागढ़ गांव में राजू अग्रवाल की पटाखा फैक्‍ट्री में मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे अज्ञात कारणों से लगीआग के बाद हुए धमाकों की गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। घटना में विस्फोटों की चपेट में आने के चलते लगभग 11 लोगो की मौत हो चुकी है एवं 200 से अधिक लोग घायल हुए है। घटना के गंभीर घायलों को भोपाल एवं होशंगाबाद के चिकित्सालयों में भर्ती कराया गया है। फेक्ट्री में हुए विस्फोटो के कारण कई दर्जन आवासों सहित करोड़ों रूपये की संपत्ति राख हो गई। विस्फोटों की चपेट में आने के कारण फैक्‍ट्री के आस-पास सड़क पर दौड़ रहे व पार्क किए वाहनों भी कबाड़ में बदल गए।

राहत और बचाव में दिखा मुख्यमंत्री मोहन यादव का बेहतर प्रबंधन
हरदा हादसे के बाद निर्मित स्थितियों से निपटने एवं राहत और बचाव कार्य में शासन प्रशासन की जुगलबंदी काबिले तारीफ रही। घटना के बाद 3 जिलों की लगभग 50 से अधिक दमकलों को घटना स्थल पर भेजा गया। घटना के घायलों को चिकित्सालय पहुँचाने के लिए कई दर्जन ऐम्बूलेंसों सहित चिकित्सालयों में चाक चैबंद व्यवस्थाये सुनिश्चत करने के मामले शासन और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। घटना को लेकर सबसे ज्यादा संजीदा प्रदेश मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव दिखे, घटना की सूचना के बाद उन्होने अपने तय कार्यक्रमों को रद्ध कर दिया। तय कार्यक्रम में उनके छिंदवाड़ा जिले के ग्राम में रात्रि प्रवास का कार्यक्रम था।

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इसके बाद उन्होने घटना को लेकर भोपाल, नर्मदापुरम, हरदा सहित अन्य जिले के कलेक्टरों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए बैठक की एवं आवश्यक निर्देश दिये। उन्होने राहत एवं बचाव की माॅनीटरिंग करते हुए घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था के निर्देश दिये एवं भोपाल, इंदौर एवं होशंगाबाद के चिकित्सालयों में उनके उपचार हेतु व्यवस्थाये सुनिश्चत की। एवं हेलीकाप्टर के माध्यम से केबिनेट मंत्री उदय प्रताप सिंह को हरदा रवाना किया। बाद में वह हमीदिया हास्पिटल पहुंचे और घायलों से मुलाकात कर सभी घायलों के निःशुल्क उपचार एवं मृतकों के परिजनों को 4 -4 लाख रूपये आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की। बाद में उन्होने सभी जिला कलेक्टरों को अवैध पटाखा भंडारण सहित विस्फोटक भंडारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

सामने आई प्रशासन की गंभीर चूक
हरदा में मगरधा रोड पर बैरागढ़ गांव संचालित इस फेक्ट्री को लेकर सामने आये खुलासे चैकाने वाले है, जानकारों के मुताबिक उक्त फेक्ट्री का संचालन विगत 20 वर्षो से किया जा रहा है। पटाखा फैक्‍ट्री मालिक राजू अग्रवाल एवं सोमेश अग्रवाल रसूखदार व्यक्ति है जिनकी शासन प्रशासन में गहरी पैठ है। लगभग ढाई एकड़ से ज्‍यादा में फैली इस पटाखा फेक्ट्री के आस-पास सैकड़ों लोग निवास करते हैं। इसके बावजूद वह बिना किसी रोक-टोक के फैक्‍ट्री का संचालन किया जा रहा है।

जानकारों के मुताबिक पटाखा फैक्‍ट्री में दो साल पहले भी हादसा हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। जिसके बाद स्‍थानीय लोगों द्वारा फैक्‍ट्री बंद करवाने को लेकर चार-पांच बार जिला कलेक्‍टर से शिकायत भी की गई थी परंतु कोई नतीजा नही निकल सका। जानकारों के मुताबिक प्रशासन द्वारा रिहायसी इलाके में चल रही इस फेक्ट्री को अनफिट बताकर इसका लाईसेंस रद्ध कर दिया गया था परंतु बाद में होशंगाबाद संभाग के कमिश्नर ने फैक्ट्री की लाइसेंस को बहाल कर दिया था।

दिल्ली भागने की फिराक में धरा गया संचालक
हरदा में हुई घटना के बाद पुलिस कार्रवाई के डर से दिल्ली भाग रहे फेक्ट्री संचालक राजेश अग्रवाल को पुलिस द्वारा राजगढ़ जिले के सारंगपुर से गिरप्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक श्री संजीव कंचन के अनुसार घटना के दो आरोपियों सोमेश अग्रवाल और राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है, आरोपियों के विरुद्ध धारा 304, 308, 34 आईपीसी व धारा 3 विस्फोटक अधिनियम 1908 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।

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