मोदी की गारंटी में मिट्टी-पानी की मिलावट, गरीबों तक कैसे पहुँचेगा बढ़िया खाद्यान

सरकारी सिस्टम में गड़बड़ी के अंदरूनी मामलों में जांच की लेटलतीफी सवालिया निशान

Adulteration of soil and water in Modi's guarantee, how will good food grains reach the poor ?
Adulteration of soil and water in Modi's guarantee, how will good food grains reach the poor ?

(बुन्देली बाबू) देश के 80 करोड़ गरीब और जरूरतमंद परिवारों को निःशुल्क राशन उपलब्ध कराने की गारंटी आगामी लोकसभा का चुनावी स्लोगन बन चुकी है। बड़े बड़े दावों और विज्ञापनों के माध्यम से इसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। परंतु इससे पृथक खाद्यान वितरण व्यवस्था से जुड़े जिम्मेदार ही योजना के राशन में पानी और मिट्टी मिलाकर इस भागीरथी अभियान की मंशा को कलंकित कर रहे है। ऐसे में गरीबो तक बढ़िया राशन कैसे पहुँचेगा ? मामले का वीडियों सार्वजनिक होने के बाद अब सिस्टम के अंदरूनी मामले में जांच की कवायद आरंभ हुई परंतु यह परवान कब चढ़ेगी इसका जबाब जिम्मेदारों के पास भी नही है।

दर असल पूरा मामला मध्यप्रदेश के सागर जिले के रहली विकासखण्ड का बताया जा रहा है। वायरल वीडियों को लेकर दावा किया जा रहा है कि विकासखण्ड के चनौआ बुजुर्ग ग्राम के वेयर हाऊस में रखे गए सार्वजनिक वितरण व्यवस्था में प्रदाय होने वाले निःशुल्क राशन में मिट्टी और पानी की मिलावट की जा रही है। वायरल वीडियों में दिखाया गया था कि बेयर हाऊस में गरीबो को प्रदाय करने के लिए जो सरकारी राशन रखा गया था उसकी बोरियों के स्टेग पर कुछ व्यक्तियों द्वारा पानी के टेंकर से पाईप टयूब डालकर पानी छिड़का जा रहा है।

चोरी छिपे बनाये गये इस वीडियों के दिनांक की जानकारी प्राप्त नही हो सकी है। परंतु राशन की बोरियों पर पानी के छिड़काव किये जाने से मामले में कारगुजारी में लिप्त व्यक्तियों की मंशा को जायज नही ठहराया जा सकता। आरोप है कि खाद्यान का वजन बढ़ाने के लिए उसमें मिट्टी और कंकर पत्थर भी मिलाये जा रहे थे। गरीबो को प्रदाय खाद्यान सामग्री में अपमिश्रण एवं उसकी गुणत्ता को खराब का घृणित प्रयास अत्यंत गंभीर है। मामले में शासन प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ ही प्रदेश के अन्य वेयर हाऊसों में भी ऐसे मामलों की जांच कराई जाना आवश्यक है।

वायरल वीडियों के बाद सरकारी जांच की कवायद
शासन द्वारा सार्वजनिक वितरण दूकानों से गरीब परिवारों को वितरित किये जाने वाले राशन में मिलावट का वीडियों सार्वजनिक होने के बाद हड़कंप मच गया। कारगुजारी सामने आने के बाद इसे जिला प्रशासन द्वारा संज्ञान में लिया गया साथ ही मामला मीडिया में छाया रहा। मामले में जिला कलेक्टर सागर द्वारा पूरे प्रकरण की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम गठित की गई है। परंतु मामला सार्वजनिक होने के बाद 7 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई सामने नही आई है।

मामले में मंत्री ने दिया था जांच का आश्वासन
विगत सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सागर प्रवास के दौरान भी राशन में मिलावट का मामला उठाया गया था। उस दौरान प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मामले की जांच एवं दोषियों पर कार्रवाई आश्वासन दिया गया था। जिसके बाद मामले में जिला कलेक्टर सागर के निर्देश पर जांच आरंभ हुई है। परंतु सिस्टम के अंदरूनी मामले की जांच कब तक परवान चढ़ सकेगी इसका सबको इंतजार हैं।

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विजयपुरा दूकान पहुँचा घुना राशन उपभोक्ताओं का लेने से इंकार
सरकारी खाद्यान में मिट्टी पानी की मिलावट के आरोपों की जांच के दौरान ही विकासखण्ड में एक नया मामला सामने आया है। जिसका संबंध में उसी वेयर हाउस जुड़ा हुआ है। दरअसल विकासखण्ड के विजयपुरा ग्राम की राशन दुकान में माह मार्च में वितरण के लिए आवंटित गेंहुँ घुना हुआ एवं दोयम दर्जे का है जिसके कारण उपभोक्ता उसे लेने से इंकार कर रहे है। उक्त राशन विभाग द्वारा दूकान को चनौआ बेयर हाऊस से उपलब्ध कराया गया था। हितग्राहियों द्वारा उपलब्ध कराये गये वीडियों में दावा किया गया है कि उन्हें मिलावटी एवं घुना हुआ घटिया गेंहुँ दिया जा रहा है। पूरे मामले में जांच के दायरे में आई एलटीसी कंपनी की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठाये जा रहे है। जिला प्रशासन के आदेश के बाद शुरू हुई जांच में जिम्मेदारों के विरूद्ध कार्रवाई की उम्मीद हैं।

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