बांदकपुर में जागेश्वर महादेव को प्रणाम करने झुकी वृद्धा ने प्राण त्यागे

नरसिंहुपर से भोजन बनाने वाली टीम के साथ आई थी महिला

An old woman who bowed down to pay obeisance to Jageshwar Mahadev in Bandakpur sacrificed her life.
An old woman who bowed down to pay obeisance to Jageshwar Mahadev in Bandakpur sacrificed her life.

(बुन्देली बाबू) दमोह के बांदकपुर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र जागेश्वर नाथ धाम में विगत दिवस अजीबो गरीब घटना सामने आई जिसको लेकर कई तरह की चर्चाये की जा रही है। दरअसल मंदिर के गर्भगृह में में शिवजी के दर्शन के उपरांत माथे से भगवान को स्पर्श करते हुए नरसिंहपुर निवासी वृद्ध महिला मुन्नी बाई की मौके पर मौत हो गई। उपस्थित लोगो द्वारा डॉक्टर को बुलाने पर उन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया।

दरअसल नरसिंहपुर निवासी विवेक श्रीवास्तव अपने बेटे के मुंडन के लिए अपने परिजनों साथ बांदकपुर आए थे। बस लेकर बांदकपुर पहुंचे इस परिवार को भोजन आदि बनाने के लिए वहीं से सामग्री के साथ-साथ रसोई बनाने वालों की टीम भी अपने साथ लाए थे। उस टीम में एक वृद्ध माताजी मुन्नी बाई भी सहयोगी के तौर पर आई थीं। मुंडन एवं भोजन आदि के बाद जब सभी लोग भोलेनाथ के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे और दर्शन करने के उपरांत जैसे ही उन माताजी ने भोलेनाथ को सर झुकाकर प्रणाम किया तो बहुत देर तक झुक कर ही प्रणाम करती रहीं।

वाहन पर लिखा म.प्र. शासन हो रही शराब तस्करी, 2 आरोपी गिरप्तार

काफी देर तक नहीं उठी तो मंदिर के पुजारी सीतू पंडा ने उन्हें आगे चलने को कहा, लेकिन जब कोई उत्तर नहीं मिला और फिर उन्हें हाथ पकड़ कर उठाने का प्रयास किया तो वह शांत हो गईं। तब तत्काल ही उन्हें मंदिर से बाहर मैदान में लाकर डॉक्टर को बुलाया गया और उनका परीक्षण करने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस प्रकार भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग को प्रणाम करते हुए उक्त वृद्ध महिला को भगवान ने अपनी शरण में ले लिया । हालांकि इस घटना के बाद सभी स्वजन एवं साथियों ने घटना को दुखद बताया, लेकिन मंदिर में भगवान की शरण में इस प्रकार से मिली मृत्यु काफी भाग्यशाली को ही मिलती है।

नई भाभी को उपहार में तमंचा देने वाला युवक गिरप्तार, पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया

पूर्व में भी घटित हो चुकी इस प्रकार की घटना
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व भी कुछ वर्षाे पूर्व पटेरा के अग्रवाल परिवार की 90 वर्षीय माताजी जब एकादशी के दिन बांदकपुर में दर्शन करने के लिए आई थीं और उनके द्वारा सत्यनारायण की कथा अपने स्वजनों के साथ कथा सुनी थी तथा मंदिर में पूजन अभिषेक भी किया था। इसके उपरांत सभी ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद जब वह मंदिर में फिर से प्रणाम करने पहुंचीं तो प्रणाम करने के तत्काल बाद ही उनके प्राण पखेरू उड़ गए इस प्रकार भगवान के दरबार में ऐसी मौत होने वाले को काफी भाग्यशाली माना जाता है।

छतरपुर पुलिस ने पकड़ी नशे की खेती, 3 लाख अफीम पेड़ जब्त

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*