(बुन्देली बाबू) कभी कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था को थामने वाले सोशल मीडिया के कथित लीजेंड कहे जाने वाले सुराप्रेमी इन दिनों शराब दामों को लेकर खासे दुखी है। मामला मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले का है जहाँ ठेकेदार द्वारा शराब के मनमाने दाम वसूल किए जाने से नाराज होकर एक युवक ने पेड़ पर चढ़कर फांसी लगाने की कोशिश की। जिसे बड़ी मुश्किल से पुलिस ने समझा बुझाकर नीचे उतारा है। युवक का कहना है कि वह शराब के दाम कम किये जाने को लेकर जिले के कलेक्टर एसपी से लेकर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री नारायण सिंह पवॉर को शिकात कर चुका है। परंतु मामले में कोई कार्रवाई नही हुई उल्टा शराब ठेकेदार के लोग उसे धमका रहे है।
अक्सर समाज और पुलिस के निशाने पर रहने वाली सुराप्रेमियों की कौम भले ही सड़कों पर धमाल मचाती हो परंतु वह सिस्टम को लेकर शांतिप्रिय बनी रहती है। अपनी लत या शौक के चलते सरकार को राजस्व का एक बड़ा हिस्सा देनी वाली इस कौम ने नशे में अपने व्यक्तिगत अजीबो गरीब प्रदर्शनों से इतर कभी व्यवस्था पर सवाल खड़े नही किए है। सरकार के बढ़ते टेक्स या शराब की दरों को लेकर चुप रहने वाले सुराप्रेमी अब सरकारी शराब ठेकेदारों की मनमानी वसूली से खासे आहत है। मामले में शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने के चलते पेड़ पर चढ़कर फांसी लगाने पर आमादा है।
दरअसल मामला राजगढ जिले के बेलास गांव का है जहाँ के निवासी बृजमोहन शिवहरे विगत सोमवार को पीपल के पेड़ पर रस्सी लेकर चढ़ गये और फांसी लगाने की कोशिश करने लगे। घटना को लेकर मचे हड़कंप के चलते उक्त स्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई और लोग उसे नीचे उतरने के लिए मनाने लगे परंतु वह नही माना। जब इसकी सूचना पुलिस को मिली तो मौके पर तत्काल पहुंची पुलिस ने शराबी युवक को बड़ी मुश्किल से नीचे उतारा।
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रो रोककर सुनाई अपनी दुखो की दास्ता
नीचे आने के बाद उक्त सुराप्रेमी ने रो रोकर अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि शराब ठेकेदारों के कर्मचारी प्रिंट रेट से अधिक दाम पर शराब बेच रहे हैं। शिकायत करने पर उसके साथ मारपीट भी की गई। युवक ने कहा कि शराब ठेकेदारों के द्वारा जिले भर और उसके गांव में लगातार बोतल पर प्रिंट रेट से अधिक दामों पर शराब बेची जा रही है। इसके संबंध में उसने एसडीएम, कलेक्टर, मंत्री और मानव अधिकार आयोग को भी लिखित शिकायत की है। शिकायत में उसने कहा कि जिले में शराब के ठेकेदारों द्वारा बोतल पर 100 रूपये क्वाटर पर 20 रूपये एवं बीयर पर 30 रुपए अधिक लिए जा रहे हैं। जिसकी शिकायत बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसने कहा, एक तो नौकरी नहीं है, उपर से यह लोग वसूली करते है। विरोध करने पर पीटते हैं। मैं दो महीने से नौकरी पर नहीं गया, किराया नहीं दिया सिर्फ़ शिकायत कर कर के थक गया।
शराब ठेकेदारों पर गंभीर आरोप
शराब के मनमाने दाम बढ़ाये जाने से आहत युवक बैलास निवासी बृजमोहन शिवहरे का आरोप है कि प्रिंट रेट से अधिक में शराब बेचने का विरोध करने पर उसके साथ मारपीट भी की गई है। उसने बताया कि उसे शराब खरीदने पर कोई रसीद नही दी गई। उसके पास रिकार्डिंग है। उसका आरोप है कि ठेकेदार द्वारा हर ग्राम पंचायत में अवैध रूप से दुकानों का संचालन किया जा रहा है। वहीं एक दिन पहले कार्रवाई नहीं होने पर शराब दुकान पर मौजूद लोगों ने हंसते हुए उसकी बेइज्जती कर दी। फिलहाल पुलिस ने उल बड़ी मुश्किल से पेड़ से निचे उतारा है।
शराब ठेकेदारों पर विभाग का लगाम नही
सरकारी शराब ठेकेदारों द्वारा मनमाने दामों पर शराब के विक्रय का यह अकेला मामला नही है। पूरे प्रदेश में ऐसे कई मामले पूर्व में भी सामने आ चुके है जिनमें से कुछ मामलों में विभाग द्वारा कार्रवाई भी की गई है परंतु इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों एवं सफेद पोशों की सरपरस्ती में सुराप्रेमियों से अवैध लूट बदस्तूर जारी है।
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दसअसल विभाग द्वारा शराब विक्रय को लेकर न्यूनतम एवं अधिकतम दरों की सूची जारी की जाती है। जिसे दूकान पर चस्पा किया जाना अनिवार्य है। साथ ही शराब बोतलों पर शराब का अधिकतम दाम अंकित किये जाने का प्रावधान है। इसके बाद भी ठेकेदारों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाकर उपभोक्ताओं को निर्धारित दर से अधिक पर शराब का विक्रय किया जाता है। मामले को लेकर विभाग के अधिकारी अपने निरीक्षण में नियमों को अनदेखा करते है जो गंभीर है।
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