इंदौर कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम चुनाव मैदान से भागे, भाजपा में शामिल

सूरत के बाद कांग्रेस में फिर भीतरघात, जिसे प्रत्याशी बनाया उसने दामन छोड़ा

Indore Congress candidate Akshay Bam runs away from the election field, joins BJP
Indore Congress candidate Akshay Bam runs away from the election field, joins BJP

(बुन्देली बाबू) पार्टी की आफसी खींचतान और भीतरघात से जूझ रही कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले फिर एक बार बड़ झटका लगा है। मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. साथ ही कांग्रेस पार्टी छोड़ अक्षय कांति बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के मंत्री और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर पोस्ट कर अक्षय कांति बम के बीजेपी में शामिल होने की जानकारी दी. कैलाश विजयवर्गीय ने पोस्ट करते हुए लिखा ष्इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार अक्षय कांति बम का बीजेपी में स्वागत है। देश मे यह दूसरी मर्तबा है जब कांग्रेस के अपने उम्मीदवार ने उसे धोखा दिया है और सत्तारूढ़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है इसके पहले गुजरात के सूरत में भी पार्टी प्रत्याशी का नामांकन रद्ध होने में उनकी संदिग्ध भूमिका सामने आई थी।

जानकारी के अनुसार वह कुछ ही देर में आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल हो जाएंगे. पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर जीत की बाट जोह रही कांग्रेस ने बीजेपी का मजबूत गढ़ कहे जाने वाले इस क्षेत्र में एकदम नये-नवेले चेहरे अक्षय बम (45) को अपना उम्मीदवार बनाया था. इंदौर सीट पर बम की मुख्य चुनावी भिड़ंत बीजेपी के निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी (62) से होनी थी. लालवानी, इंदौर नगर निगम के सभापति और इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

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कौन हैं अक्षय कांति बम
बम पेशे से कारोबारी हैं और उनका परिवार शहर में निजी महाविद्यालयों का संचालन करता है. वह जैन समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. इस समुदाय के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में करीब दो लाख मतदाता हैं. बम ने अपने राजनीतिक करियर में अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा है. बम ने 2023 के विधानसभा चुनावों में इंदौर-4 सीट से टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था.

मतदाताओं की तादाद के लिहाज से प्रदेश में सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र इंदौर में 25.13 लाख लोगों को मताधिकार हासिल है. यहां से बीजेपी ने इस बार आठ लाख मतों के अंतर से जीत का नारा दिया है. बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में इंदौर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था. इंदौर में किसी सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली थी. इससे पहले सूरत सीट पर भी ऐसा ही कुछ हुआ था, जहां बीजेपी उम्मीदवार को निर्विरोध जीत मिल गई थी.

सूरत में हुआ कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्ध
सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्‍याशी का नामांकन रद्द हो गया था. वहीं अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था. कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया था कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन पत्र बीजेपी के इशारे पर खारिज किया गया था. निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा था कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया. उन्होंने कहा था कि ये हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे हैं. आदेश में कहा गया था कि प्रस्तावकों ने अपने हलफनामों में कहा है कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं.

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मध्यप्रदेश में इंडिया गठबंधन को दोहरा झटका
मध्यप्रदेश में सभी 296 सीटों पर चुनाव लड़ रहे इंडिया गठबंधन को यह दूसरा झटका लगा है। इसके पूर्व मध्यप्रदेश की खजुराहो सीट से गठबंधन की ओर से सपा प्रत्याशी श्रीमति मीरा यादव का नामांकन त्रुटिपूर्ण होने के चलते रद्ध हो गया था। जिसके चलते उक्त सीट पर गठबंधन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उम्मीदवार बीडी शर्मा के विरूद्ध कोई मजबूत चुनौती पेश नही कर सकी थी। एक बार फिर कांग्रेस में भीतरघात कर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार भाजपा का दामन थाम लिया।

भाजपा नही दोहरा पाई सूरत का समीकरण

कांग्रेस उम्मीदवार को अपने पाले में लाकर इंदौर सीट पर निविर्रोध निर्वाचन का सपना देख रही भाजपा अपने मंसूबे पूरे नही कर सकी। कांग्रेस प्रत्याशी की नामांकन वापिसी के बाद भी उक्त सीट से अभी 14 उम्मीदवार मैदान में है। 2 अन्य निर्दलीय उम्मीदवार की नाम वापिसी को लेकर संशय बना हुआ हैं। इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम को लेकर कहा जा रहा है कि भाजपा द्वारा एक सोची समझी रणनीति के तहत पूरा खेल किया गया परंतु सीट से मैदान में अन्य उम्मीदवारों के द्वारा नाम वापिस लिये जाने के कारण उसके मंसूबे पूरे नही हो सके। नाम वापिसी के पूर्व कुल 23 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे जिसमें से 9 व्यक्तियों की नाम वापिसी के बाद अब भी 14 प्रत्याशी मैदान में बने हुए है। नाम वापिसी लिस्ट में शामिल 2 निर्दलीयों की फार्म वापिसी को लेकर संशय की स्थिति है उनका कहना है कि उन्होने नाम वापिसी फार्म पर न हस्ताक्षर किये है न ही वह कलेक्ट्रेट आये है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया प्रत्याशी की लूट
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के अपने क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन वापिस लेकर भाजपा में शामिल होने के कारण वह सवालों से घिर गये है। मामले को लेकर भाजपा के सफलता के दावों का जबाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे प्रत्याशी की लूट करार दिया। उन्होने कहा कि बूथ लूटे जाने की खबरे सभी सुनते थे फिल्मों में देखते थे परंतु अब प्रत्याशी लूटे जा रहे है। यह क्या संदेश है देश क्या तानाशाही की ओर जा रहा है, उन्होने यह इंदौर संसदीय क्षेत्र की जनता का अपमान बताया।

उन्होने कहाँ कि सभी को विचार करना चाहिए कि लोकतंत्र क्यो खतरे में है। उन्होने कहा कि इसी प्रकार बिना वोट के जनप्रतिनिधि चुने जाते रहेंगे तो 100 करोड़ के घोटाले होंगे। उन्होने कहा कि जो इस आपरेशन श्रेय लेने की कोशिश कर रहे है वो विचार करे कि आपने जनता को क्या संदेश दिया है।

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