(मुवीन खान) देवरी नगर के शास्त्री वार्ढ स्थित बजरिया में विगत 28 मार्च को रात्रि में हुए दर्दनाक अग्निकांड के मामले में मृत हुए व्यवसायी दंपत्ति के पुत्र ने हत्या की आशंका व्यक्त करते हुए किरायेदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की जांच सीडीआई या सक्षम ऐजेंसी से कराये जाने की मांग की है।
इस दर्दनाक हादसे में रहस्मय कारणों से हुई इस आगजनी में दुकान एवं रहवासी बिल्डिंग में 3 तलों में आग लगने से भवन में तिवासरत वृद्ध प्रसिद्ध व्यवसायी दंपत्ति की मौत हो गई थी। एवं लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई थी। घटना जी जांच में जुटी थाना पुलिस की विवचेना के दौरान ही मृतकों के पुत्र जो सहायक जेलर है ने पत्रकारों से बात करते हुए मामले में शंका व्यक्त कर बिल्डिंग के दूकान किरायेदार, पर गंभीर आरोप लगाये है। इस संबंध में उनके द्वारा एसडीओपी को लिखित आवेदन दिया गया एवं पंत्रकारों से वार्ता भी की गई।
इस भीषण अग्निकांड में मृत हुए श्री रामेश्वर नेमा एवं श्रीमति जानकी नेमा में पुत्र नवीन नेमा जो प्रदेश के रतलाम जिले की गरोठ जेल में सहायक जेल अधीक्षक के पद पर तैनात है ने मामले की निष्पक्ष जांव की मांग की है। विगत सोमवार को अनुविभागीय पुलिस अधिकारी को सौपे गये एक लिखित आवेदन में उन्होने बताया उनके पिता उनके शास्त्री वार्ड बजरिया स्थित पैत्रिक मकान में निवास करते थे।
उन्होने वृधवस्था के कारण अपनी मिठाई की दूकान बंदकर का आधा हिस्सा सौरभ पिता रामेश्वर चौदा 30 वर्ष को कपड़े की दूकान के लिए किराये से दे दिया था। उन्होने आरोप लगाया कि अनावेदक सौरभ चौदा आरंभ से ही किराया शर्तो का उल्घंन किया था एवं विगत 21 अक्टूबर 2021 से किराया अदा नही किया था जिसके कारण उनके पिता स्व.रामेश्वर नेमा द्वारा न्यायालय की शरण ली गई थी जिसका मामला अभी न्यायालय में लंबित है।
ज्ञापन में बताया गया कि अनावेदक द्वारा विद्युत बिल भुगतान न करने कारण विद्युत कनेक्शन विच्छैद कर दिया गया था एवं मकान के सामने का दासा पृथक किया गया था जिससे कारण अनावेदक द्वारा उनसे गाली-गलौच कर जान से मारने की धमकी एवं दूकान में आग लगाने की धमकी दी गई थी जिसके संबंध में देवरी थाना में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद सामने आये हादसे में प्रार्थी के माता-पिता की मौत हो गई एवं संपत्ति हानि हुई है।
ज्ञापन में बताया गया कि अनावेदक सौरभ चौदा द्वारा घटना के 8 से 10 दिन पूर्व बैंक ऑफ बड़ौदा से बीमा कराया गया था साथ ही अपनी दूकान घटना के 3 दिन पूर्व से बंद रखी गई थी। साथ ही अनावेदक ने अपना मोबाइल एवं सिम बदल थी जो संदिग्ध है इस संबंध में अनावेदक एवं उसके पिता के मोबाइल सिमों की कॉल डिटेल निकलवाई जाये।
ज्ञापन में शंका जाहिर की गई कि यह घटना एक षड़यंत्र का हिस्सा है क्योकि घटना समय अनावेदक की दूकान से लपटे उठती देखी गई थी परंतु दूकान में विद्युत कनेक्शन न होने के कारण शार्ट सर्किट की कोई संभावना नही है। ज्ञापन में उन्होने घटना को एक गंभीर षड़यंत्र बताते हुए मामले की जांच विषय विशेषज्ञों से कराये जाने एवं अनावेदक के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने की मांग की है। इस संबंध में एसडीओपी पूजा शर्मा द्वारा आवेदन पत्र प्राप्त कर मामले की निष्पक्ष एवं सूक्ष्म जांच का आश्वासन दिया गया है।
गंभीर मामले की जांच पर सवाल एसआईटी गठित करने की मांग
गुरूवार दोपहर पत्रकारों से बात करते हुए पीड़ित नवीन नेमा ने कहा कि मामले में लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे है, मामले में प्रशासन द्वारा शॉट सर्किट का अंदेशा जताया जा रहा है, एफएसएल एवं पुलिस जांच के 10 दिन बाद भी कोई जांच रिर्पोट सामने नही आई है। उन्होने जांच पर सवाल उठाते हुए खासी नाराजगी जाहिर की एवं घटना को एक सोची समझी साजिश का हिस्सा करार दिया। उन्होने बताया कि वह नौकरी के कारण शहर से बाहर निवास करते है परंतु उनके मृतक पिता द्वारा उन्हे दूकानदार द्वारा प्रताड़ित करने की बात की जाती थी।
उन्होंने शासन प्रशासन से घटना की जांच सीआईडी एसआईटी या विशेष जांच एजेंसियों से कराये जाने की मांग की है उन्होंने कहा कि मैं किसी निर्दाेष व्यक्ति को नहीं फसाना चाहता और जो घटना का वास्तविक दोषी है मैं उसे बक्शना नहीं चाहता उन्होंने कहा कि मैं घटना के संबंध में निष्पक्ष जांच चाहता हूं यदि शासन प्रशासन के द्वारा निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही नहीं की गई तो माननीय न्यायालय सुप्रीम कोर्ट की शरण लेने पर मजबूर होउंगा।
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