फौजी बाबा सबसे गरीब लोकसभा प्रत्याशी, मंदिर में निवास साईकिल से प्रचार

कांग्रेस ने फतेहपुर सिकरी लोकसभा से टिकिट देकर मामला रोचक बनाया

Fauji Baba is the poorest Lok Sabha candidate, resides in the temple and campaigns on bicycle.
Fauji Baba is the poorest Lok Sabha candidate, resides in the temple and campaigns on bicycle.

(बुन्देली बाबू डेस्क) लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश की फतेहपुर सीकरी सीट इस बार चर्चा का केन्द्र बनी हुई है। कारण यहाँ से कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़ रहे रामनाथ सिकरवार उर्फ फौजी बाबा जो रिटायर्ड फौजी है और अपने क्रांतिकारी विचारों, वेशभूषा और प्रचार के तरीकों को लेकर खासे चर्चा में है।

चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों द्वारा अक्सर जनता को लुभाने और वोट हासिल करने के लिए फिल्मी स्टारों, लोकप्रिय युवा चेहरों, दबंग नेताओं, और धनपतियों को अपना उम्मीदवार बनाया जाता है। परंतु इससे पृथक कांग्रेस द्वारा जनता में चर्चित फौजी बाबा को टिकिट देकर चुनाव मैदान में उतारा गया है। यह पहला अवसर नही है जब कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया इससे पूर्व कांग्रेस द्वारा उन्हे विधानसभा चुनाव में इसी लोकसभा की खैरागढ़ सीट से प्रत्याशी बनाया गया था जिसमें उनकी पराजय हुई थी परंतु उन्हे मिले अच्छे मतों से उत्साहित कांग्रेस ने एक बार फिर उन्हें मैदान में उतारकर चुनाव रोचक बना दिया है।

सबसे गरीब प्रत्याशी 20 वर्षो से मंदिर में निवास
कांग्रेस के उम्मीदवार रामनाथ सिकरवार मौजूदा चुनाव में कांग्रेस के सबसे गरीब प्रत्याशी है और संभावना है कि वह चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में सबसे निर्धन हो। फौज में रहकर उन्होने कारगिल युद्ध में भाग लिया और घायल भी हुए। रिटायर होने के बाद अब वह फतेहपुर सीकरी में गरीबों की एकमात्र आवाज हैं। जो 20 वर्षों से एक मंदिर में रहते हैं. इनकी एकमात्र गाड़ी में आपको दरी और बाल्टी हमेशा मिलेगी. जिस गांव जाते हैं वहां बीच में बाल्टी रख देते हैं जनता जो मदद मिलती है उसी से चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले चुनाव में मात्र एक फीसदी मतों से चुनाव हार गये थे। हमेशा फौजी की वर्दी में रहने वाले रामनाथ के पास सिर्फ 2 जोड़ी कपड़े है और वह रोजाना खुद के लिए रोटी और चटनी बनाकर अपना पेट भरते है। फौज की वर्दी के पहनने की अपनी हसरत के चलते वह विवादों में भी फँस चुके है।

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फौज से रिटायर हुए तो पकड़ी समाज सेवा की राह
अपनी सादगी और क्रांतिकारी विचारों को लेकर जनता के बीच जमीनी और ईमानदार सेवक के रूप में उभरे रामनाथ अब न्याय और अन्याय की लड़ाई लड़ रहे है। उनके संघर्ष में किसानों एवं जनता की मूलभूत सुविधाओं की लड़ाई और सरकारी कार्यालय में व्याप्त भृष्टाचार के खिलाफ मुहिम दिखाई देती है। इस संबंध में उनका कहना है कि मौजूदा व्यवस्था लोकतंत्र नही लूट तंत्र है जो इसके खिलाफ अवाज उठाता है उसे फँसाने का प्रयास किया जाता है। वह बताते है कि जब वह फौज से रिटायर हुए तो उन्हे अच्छे व्यवहार का प्रमाण पत्र दिया गया परंतु फौज के यहाँ आने के बाद उनके विरूद्ध 11 मुकदमे दर्ज हो चुके है। अब ऐसा बताया जाता है कि वह अपराधी है। रामनाथ सिकरवार ने कहा फौज में से आकर मैंने देखा कि यहां हर जगह रिश्वत, भ्रष्टाचार हो रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे यहां की जनता ने जिताकर सांसद बना देती है तो मैं जनता से वादा करता हूं कि जहां-जहां भी सिस्टम में गड़बड़ है उसे दुरुस्त करेंगे। रामनाथ सिकरवार साल 2004 में सेना से रिटायर हो गए थे और इसके बाद से ही वे लोगों की सेवा में जुट गए. सिकरवार किसानों, मजदूरों की आवाज उठाते हैं और उनकी इन्हीं खूबियों को देखते हुए उन्हें ईनाम बतौर इंडिया गठबंधन की तरफ से फतेहपुर सिकरी से प्रत्याशी बनाया गया है।

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प्रियंका गांधी की पंसद के चलते मिला टिकिट
विगत विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश की प्रभारी रही कांग्रेस नेत्री द्वारा रामनाथ सिकरवार को टिकिट दिलाने में अहम भूमिका निभाई गई। विधानसभा चुनावों के दौरान वह कांग्रेस के संपर्क में आये थे और कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार बनाया गया था इसके बाद उनके प्रदर्शन को लेकर प्रियंका गांधी ने उन पर दोबारा भरोसा जताया और पार्टी से उम्मीदवार बनाने में अहम भूमिका निभाई। रामनाथ सिकरवार स्वयं बताते है कि वह प्रियंका गांधी के विचारों से प्रभावित है उन्ही के कारण उन्हे दूसरी बार कांग्रेस से उम्मीदवार बन सके है। रामनाथ सिकरवार खैरागढ़ के एक आश्रम में रहते हैं और उन्हें कहीं भी जाना होता है तो वह अपनी साइकिल से ही जाते हैं. यहां तक कि अपना नामांकन दाखिल करने के लिए भी सिकरवार अपनी साइकिल से ही गए थे. उनकी सादगी वहां के लोगों को प्रभावित करती है।

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जीत की राह नही आसान परंतु रोचक होगा मुकाबला
उत्तरप्रदेश के आगरा के नजदीक फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट की बात करे तो यहाँ से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के समर्थन से इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कुशवाहा का जीतना टेड़ी खीर है। विगत 2019 के चुनाव में विजयी भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर ने इतिहास रचा था। उन्हें 4,95,065 वोटों से जीत मिली थी। राजकुमार चाहर को कुल 6,67,147 वोट मिले थे, जो ऐसा आंकड़ा था, जिसे ब्रज आगरा क्षेत्र में कोई नहीं छू सका। इतना ही नहीं , चाहर की यह जीत पीएम नरेंद्र मोदी की जीत से भी बड़ी थी। अब एक बार फिर यहां से भाजपा ने राजकुमार चाहर को ही चुनाव मैदान में उतारा है।

वही बसपा ने यहां से रामनिवास शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। परंतु मौजूदा चुनाव में भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी बगावत कर निर्दलीय मैदान में है जिसके कारण भाजपा के वोट विभाजन की संभावना व्यक्त की जा रही है। साथ ही समाजवादी पार्टी से समर्थन के कारण फौजी बाबा मतबूत प्रत्याशी माने जा रहे है। परंतु विगत चुनाव भाजपा की विशाल जीत के चलते इनकी राह बेहद कठिन है परंतु मुकाबला रोचक होने की पूरी उम्मीद है।

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